Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 4869 | Date: 07-Aug-1993
हँसना रोना चाहते हैं जग में हम, हँस नही सकते, रो नहीं सकते हम।
Ham̐sanā rōnā cāhatē haiṁ jaga mēṁ hama, ham̐sa nahī sakatē, rō nahīṁ sakatē hama।

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)



Hymn No. 4869 | Date: 07-Aug-1993

हँसना रोना चाहते हैं जग में हम, हँस नही सकते, रो नहीं सकते हम।

  Audio

ham̐sanā rōnā cāhatē haiṁ jaga mēṁ hama, ham̐sa nahī sakatē, rō nahīṁ sakatē hama।

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

1993-08-07 1993-08-07 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=369 हँसना रोना चाहते हैं जग में हम, हँस नही सकते, रो नहीं सकते हम। हँसना रोना चाहते हैं जग में हम, हँस नही सकते, रो नहीं सकते हम।

दिल तो गमों से भरा है, करना चाहते कम, कर ना सकते उसे हम।

बहुत कुछ करना चाहते हैं जीवन में, कुछ कर ना सके हैं हम,

करते-करते, सब कुछ तो जीवन में, आ जाता है कभीकभी नाक में दम।

उठाना है जीवन में सँभल-सँभलकर, तो हर दम तो हर कदम,

चली आ रही है, जीवन में दुःखों की बारात, करनी है उसे तो कम।

सुख की खोज चल रही है, चालू है, सुख की खोज जीवन में हर दम,

रखनी है जग में बस एक तेरी शरम, रखनी नही है जग की शरम।

मिटानी है दिल सें दुःख दर्द की हस्ति, कर देना है दिल में से उसे कम।

हँसना-रोना रोक ना सकेगी राह हमारी, डगमगा ना सकेंगे हमारे कदम।

देना शक्ति ऐसी प्रभु, उठा सके जीवन में, सही राह हम हमारे कदम।
https://www.youtube.com/watch?v=hXOC2cVU_Yg
View Original Increase Font Decrease Font


हँसना रोना चाहते हैं जग में हम, हँस नही सकते, रो नहीं सकते हम।

दिल तो गमों से भरा है, करना चाहते कम, कर ना सकते उसे हम।

बहुत कुछ करना चाहते हैं जीवन में, कुछ कर ना सके हैं हम,

करते-करते, सब कुछ तो जीवन में, आ जाता है कभीकभी नाक में दम।

उठाना है जीवन में सँभल-सँभलकर, तो हर दम तो हर कदम,

चली आ रही है, जीवन में दुःखों की बारात, करनी है उसे तो कम।

सुख की खोज चल रही है, चालू है, सुख की खोज जीवन में हर दम,

रखनी है जग में बस एक तेरी शरम, रखनी नही है जग की शरम।

मिटानी है दिल सें दुःख दर्द की हस्ति, कर देना है दिल में से उसे कम।

हँसना-रोना रोक ना सकेगी राह हमारी, डगमगा ना सकेंगे हमारे कदम।

देना शक्ति ऐसी प्रभु, उठा सके जीवन में, सही राह हम हमारे कदम।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

ham̐sanā rōnā cāhatē haiṁ jaga mēṁ hama, ham̐sa nahī sakatē, rō nahīṁ sakatē hama।

dila tō gamōṁ sē bharā hai, karanā cāhatē kama, kara nā sakatē usē hama।

bahuta kucha karanā cāhatē haiṁ jīvana mēṁ, kucha kara nā sakē haiṁ hama,

karatē-karatē, saba kucha tō jīvana mēṁ, ā jātā hai kabhīkabhī nāka mēṁ dama।

uṭhānā hai jīvana mēṁ sam̐bhala-sam̐bhalakara, tō hara dama tō hara kadama,

calī ā rahī hai, jīvana mēṁ duḥkhōṁ kī bārāta, karanī hai usē tō kama।

sukha kī khōja cala rahī hai, cālū hai, sukha kī khōja jīvana mēṁ hara dama,

rakhanī hai jaga mēṁ basa ēka tērī śarama, rakhanī nahī hai jaga kī śarama।

miṭānī hai dila sēṁ duḥkha darda kī hasti, kara dēnā hai dila mēṁ sē usē kama।

ham̐sanā-rōnā rōka nā sakēgī rāha hamārī, ḍagamagā nā sakēṁgē hamārē kadama।

dēnā śakti aisī prabhu, uṭhā sakē jīvana mēṁ, sahī rāha hama hamārē kadama।
English Explanation: Increase Font Decrease Font


We want to laugh and cry in this world, but we cannot laugh and also cannot cry.

The heart is filled with sadness, we want to reduce the sadness but are unable to do it.

We want to do a lot in life but are unable to do anything.

While doing everything in life, sometimes it becomes unbearable.

In life we want to walk in life carefully, every time, all the time.

In life, the procession of misery keeps on coming, want to reduce it.

The search for happiness is on, going on, the search for happiness is going on all the time.

In the world, only want to care about your opinion, do not want to be bothered about the opinion of the world.

Want to erase the existence of misery and pain from our heart, want to reduce that from the heart.

Laughter and cry will not be able to stop us from reaching our goal, our feet will not wobble.

Give us strength Oh God, such that we can walk on the right path in life.
Scan Image

Hindi Bhajan no. 4869 by Satguru Devendra Ghia - Kaka

First...486748684869...Last