1996-10-08
1996-10-08
1996-10-08
https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=12394
क्यों हम से परदा है, क्यों हम से परदा है, प्रभु क्यों हम से परदा है?
क्यों हम से परदा है, क्यों हम से परदा है, प्रभु क्यों हम से परदा है?
किया था गुनाह अगले जनम में, क्यों इस जनम में उसकी शिक्षा है?
कर्म किये जा रहे है हम, क्यों हमारे कर्मों से हमसे परदा है?
तड़प रहे हैं हम तेरे दीदार के लिये, क्यों इसके बीच में परदा है?
ज्ञान की सरिता तू बहा रहा है जग में, क्यों हमारे बीच तो परदा है?
हरएक के दिल में जब तू समा गया है, क्यों दिल को दिल से परदा है?
हरएक के मन में जब तू बस गया है, क्यों फिर मन का मनसे परदा है?
जब हम है तुम्हारे, माया है तुम्हारी, फिर माया का बीच में क्यों परदा है?
हम है समय के हाथ, समय है प्रभु तुम्हारे हाथ, हमारे बीच क्यों समय का परदा है?
परदों के बीच मिलन क्या मिलन है, क्यों हमारे मिलन में परदा है?
https://www.youtube.com/watch?v=AIXX2RtnLB8
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
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क्यों हम से परदा है, क्यों हम से परदा है, प्रभु क्यों हम से परदा है?
किया था गुनाह अगले जनम में, क्यों इस जनम में उसकी शिक्षा है?
कर्म किये जा रहे है हम, क्यों हमारे कर्मों से हमसे परदा है?
तड़प रहे हैं हम तेरे दीदार के लिये, क्यों इसके बीच में परदा है?
ज्ञान की सरिता तू बहा रहा है जग में, क्यों हमारे बीच तो परदा है?
हरएक के दिल में जब तू समा गया है, क्यों दिल को दिल से परदा है?
हरएक के मन में जब तू बस गया है, क्यों फिर मन का मनसे परदा है?
जब हम है तुम्हारे, माया है तुम्हारी, फिर माया का बीच में क्यों परदा है?
हम है समय के हाथ, समय है प्रभु तुम्हारे हाथ, हमारे बीच क्यों समय का परदा है?
परदों के बीच मिलन क्या मिलन है, क्यों हमारे मिलन में परदा है?
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
kyōṁ hama sē paradā hai, kyōṁ hama sē paradā hai, prabhu kyōṁ hama sē paradā hai?
kiyā thā gunāha agalē janama mēṁ, kyōṁ isa janama mēṁ usakī śikṣā hai?
karma kiyē jā rahē hai hama, kyōṁ hamārē karmōṁ sē hamasē paradā hai?
taḍa़pa rahē haiṁ hama tērē dīdāra kē liyē, kyōṁ isakē bīca mēṁ paradā hai?
jñāna kī saritā tū bahā rahā hai jaga mēṁ, kyōṁ hamārē bīca tō paradā hai?
haraēka kē dila mēṁ jaba tū samā gayā hai, kyōṁ dila kō dila sē paradā hai?
haraēka kē mana mēṁ jaba tū basa gayā hai, kyōṁ phira mana kā manasē paradā hai?
jaba hama hai tumhārē, māyā hai tumhārī, phira māyā kā bīca mēṁ kyōṁ paradā hai?
hama hai samaya kē hātha, samaya hai prabhu tumhārē hātha, hamārē bīca kyōṁ samaya kā paradā hai?
paradōṁ kē bīca milana kyā milana hai, kyōṁ hamārē milana mēṁ paradā hai?
English Explanation |
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In this beautiful bhajan Shri Devendra Ghia ji also fondly known as Kakaji is exhibiting the yearning of a genuine seeker wanting to meet the creator, complaing about the various curtains between him and lord.
Why there is curtain from us, why there is curtain from us, lord why there is curtain from us?
Had committed crime in last birth, In this birth is this punishment for that?
We are going on doing deeds, why there is curtain between us and our deeds?
We are yearning for your glimpse, why there is curtain between that?
You are shedding river of knowledge in this world, why there is curtain between us?
When you are within every heart, why is the heart vieled from heart?
When you are in all minds, why there is curtain between the minds?
When I am yours, illusion is also yours, why there is curtain of illusion between us?
We are in times hand, Lord time is in your hand, why there is curtain of time between us?
What is the use of meeting in the curtain, why there is curtain in our meeting?
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