Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6410 | Date: 10-Oct-1996
हर मुलाकात का कोई मतलब होता है, हर मतलब के पीछे कोई मकसद होता है।
Hara mulākāta kā kōī matalaba hōtā hai, hara matalaba kē pīchē kōī makasada hōtā hai।

સ્વયં અનુભૂતિ, આત્મનિરીક્ષણ (Self Realization, Introspection)



Hymn No. 6410 | Date: 10-Oct-1996

हर मुलाकात का कोई मतलब होता है, हर मतलब के पीछे कोई मकसद होता है।

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hara mulākāta kā kōī matalaba hōtā hai, hara matalaba kē pīchē kōī makasada hōtā hai।

સ્વયં અનુભૂતિ, આત્મનિરીક્ષણ (Self Realization, Introspection)

1996-10-10 1996-10-10 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=12399 हर मुलाकात का कोई मतलब होता है, हर मतलब के पीछे कोई मकसद होता है। हर मुलाकात का कोई मतलब होता है, हर मतलब के पीछे कोई मकसद होता है।

आज खुदा मुबारक हो तुझे तेरी खुदाई, हम आए हैं तेरे दरपर सिर्फ तेरे दीदार के लिये।

कामकाज का फासला पहने हुए है हम, मतलब के लिये फुरसत हम कहाँ से लायें।

मिले जो संतोष हमें तेरे दीदार में, और संतोष जीवन में हम कहाँ से ढूँढ़ें।

जहाँ का हर चमन दे रहा है संदेसा तुझे, बागवान बनकर, चमन और खिला दे।

फिरते हुए बादल भी संदेसा दे रहे हैं, एक बार बिजली हमारे में चमकती है।

सारे जहाँ की करामत, तेरी खुदाई रोशन कर रही है, जलवा तेरा हमें उसमें दिखा दे।

हर हाल में है अगर मस्त तू, हम भी कुछ कम नही, चाहे तो इसे आजमाले।

मिला ना और कोई मुझे समझने वाला, मुझे समझने में इन्कार ना कीजिये।

बिना कहे भी समझने वाला है तू, यह आरजू हम लेकर आये हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=hccyOAjT1LM
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हर मुलाकात का कोई मतलब होता है, हर मतलब के पीछे कोई मकसद होता है।

आज खुदा मुबारक हो तुझे तेरी खुदाई, हम आए हैं तेरे दरपर सिर्फ तेरे दीदार के लिये।

कामकाज का फासला पहने हुए है हम, मतलब के लिये फुरसत हम कहाँ से लायें।

मिले जो संतोष हमें तेरे दीदार में, और संतोष जीवन में हम कहाँ से ढूँढ़ें।

जहाँ का हर चमन दे रहा है संदेसा तुझे, बागवान बनकर, चमन और खिला दे।

फिरते हुए बादल भी संदेसा दे रहे हैं, एक बार बिजली हमारे में चमकती है।

सारे जहाँ की करामत, तेरी खुदाई रोशन कर रही है, जलवा तेरा हमें उसमें दिखा दे।

हर हाल में है अगर मस्त तू, हम भी कुछ कम नही, चाहे तो इसे आजमाले।

मिला ना और कोई मुझे समझने वाला, मुझे समझने में इन्कार ना कीजिये।

बिना कहे भी समझने वाला है तू, यह आरजू हम लेकर आये हैं।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

hara mulākāta kā kōī matalaba hōtā hai, hara matalaba kē pīchē kōī makasada hōtā hai।

āja khudā mubāraka hō tujhē tērī khudāī, hama āē haiṁ tērē darapara sirpha tērē dīdāra kē liyē।

kāmakāja kā phāsalā pahanē huē hai hama, matalaba kē liyē phurasata hama kahām̐ sē lāyēṁ।

milē jō saṁtōṣa hamēṁ tērē dīdāra mēṁ, aura saṁtōṣa jīvana mēṁ hama kahām̐ sē ḍhūm̐ḍha़ēṁ।

jahām̐ kā hara camana dē rahā hai saṁdēsā tujhē, bāgavāna banakara, camana aura khilā dē।

phiratē huē bādala bhī saṁdēsā dē rahē haiṁ, ēka bāra bijalī hamārē mēṁ camakatī hai।

sārē jahām̐ kī karāmata, tērī khudāī rōśana kara rahī hai, jalavā tērā hamēṁ usamēṁ dikhā dē।

hara hāla mēṁ hai agara masta tū, hama bhī kucha kama nahī, cāhē tō isē ājamālē।

milā nā aura kōī mujhē samajhanē vālā, mujhē samajhanē mēṁ inkāra nā kījiyē।

binā kahē bhī samajhanē vālā hai tū, yaha ārajū hama lēkara āyē haiṁ।
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Hindi Bhajan no. 6410 by Satguru Devendra Ghia - Kaka

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