1998-02-03
1998-02-03
1998-02-03
https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=15224
भाव से बना भाव से टूटा, है जिम्मेदारी इन्सान की जो है उसने किया
भाव से बना भाव से टूटा, है जिम्मेदारी इन्सान की जो है उसने किया,
ना जीवन में सोचा, ना जीवन में रुका, मन ने जो चाहा वही जीवन में किया।
दुःख दर्द को दावत दी खुद ने, इन्सान अब जग में दुःख दर्द से रो रहा,
खुद ने जो किया फिर भी वह कह रहा, ``प्रभु जीवन में ऐसा तूने क्यों किया।''
कर्मों की लंबी पूँछ लेकर, जग में इन्सान आया वह पूँछ को मजबूत कर रहा,
जीवन में ना पूँछ को काटा, भार उसी का, इन्सान जीवन में तो उठा रहा।
जी रहा है इन्सान ऐसे, जैसे ना है ऊपर उसके तो कोई ऊपर वाला,
दर्द दिल में बढ़ा, जीना मुश्किल बना दिया, तब याद आया वही ऊपर वाला।
समझता है सब यह तो ऊपर वाला, फिर भी सब वही तो कर रहा,
अनजान ना अब रहना, इन्सान तुझे ही जब है आगे बढ़ना, जिम्मेदारी निभाना पड़ेगा।
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
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भाव से बना भाव से टूटा, है जिम्मेदारी इन्सान की जो है उसने किया,
ना जीवन में सोचा, ना जीवन में रुका, मन ने जो चाहा वही जीवन में किया।
दुःख दर्द को दावत दी खुद ने, इन्सान अब जग में दुःख दर्द से रो रहा,
खुद ने जो किया फिर भी वह कह रहा, ``प्रभु जीवन में ऐसा तूने क्यों किया।''
कर्मों की लंबी पूँछ लेकर, जग में इन्सान आया वह पूँछ को मजबूत कर रहा,
जीवन में ना पूँछ को काटा, भार उसी का, इन्सान जीवन में तो उठा रहा।
जी रहा है इन्सान ऐसे, जैसे ना है ऊपर उसके तो कोई ऊपर वाला,
दर्द दिल में बढ़ा, जीना मुश्किल बना दिया, तब याद आया वही ऊपर वाला।
समझता है सब यह तो ऊपर वाला, फिर भी सब वही तो कर रहा,
अनजान ना अब रहना, इन्सान तुझे ही जब है आगे बढ़ना, जिम्मेदारी निभाना पड़ेगा।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
bhāva sē banā bhāva sē ṭūṭā, hai jimmēdārī insāna kī jō hai usanē kiyā,
nā jīvana mēṁ sōcā, nā jīvana mēṁ rukā, mana nē jō cāhā vahī jīvana mēṁ kiyā।
duḥkha darda kō dāvata dī khuda nē, insāna aba jaga mēṁ duḥkha darda sē rō rahā,
khuda nē jō kiyā phira bhī vaha kaha rahā, ``prabhu jīvana mēṁ aisā tūnē kyōṁ kiyā।''
karmōṁ kī laṁbī pūm̐cha lēkara, jaga mēṁ insāna āyā vaha pūm̐cha kō majabūta kara rahā,
jīvana mēṁ nā pūm̐cha kō kāṭā, bhāra usī kā, insāna jīvana mēṁ tō uṭhā rahā।
jī rahā hai insāna aisē, jaisē nā hai ūpara usakē tō kōī ūpara vālā,
darda dila mēṁ baḍha़ā, jīnā muśkila banā diyā, taba yāda āyā vahī ūpara vālā।
samajhatā hai saba yaha tō ūpara vālā, phira bhī saba vahī tō kara rahā,
anajāna nā aba rahanā, insāna tujhē hī jaba hai āgē baḍha़nā, jimmēdārī nibhānā paḍa़ēgā।
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