1998-08-25
1998-08-25
1998-08-25
https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=17542
थी सुख की ख्वाहिश तो दिल में, जीवन दुख की ओर बढ़ रहा था
थी सुख की ख्वाहिश तो दिल में, जीवन दुख की ओर बढ़ रहा था
कई उम्मीदों का दिल में भार लेकर, जीवन में बढ़ रहा था।
हर साँस उम्मीदों से थी भरी, साँसे उम्मीदों की ले रहा था
प्रतिकूल पवन की लहरें उठी, दिल व्याकुलता से भर दिया।
न जाने क्या हुआ, क्यों हुआ था मन उसमें तंग था
थी हालत दिल की बुरी ना रो सकता था, ना हँस सकता था
था जीवन में मेरे इतना डूबा, ना जाग सकता था, ना सो सकता था।
ढूँढ़ूँ प्रभु तुझे किन गलियों में, ना मैं गलियों का माहिर था
था उजाले में फिरता, फिर भी अँधेरे में फिर रहा था।
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
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थी सुख की ख्वाहिश तो दिल में, जीवन दुख की ओर बढ़ रहा था
कई उम्मीदों का दिल में भार लेकर, जीवन में बढ़ रहा था।
हर साँस उम्मीदों से थी भरी, साँसे उम्मीदों की ले रहा था
प्रतिकूल पवन की लहरें उठी, दिल व्याकुलता से भर दिया।
न जाने क्या हुआ, क्यों हुआ था मन उसमें तंग था
थी हालत दिल की बुरी ना रो सकता था, ना हँस सकता था
था जीवन में मेरे इतना डूबा, ना जाग सकता था, ना सो सकता था।
ढूँढ़ूँ प्रभु तुझे किन गलियों में, ना मैं गलियों का माहिर था
था उजाले में फिरता, फिर भी अँधेरे में फिर रहा था।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
thī sukha kī khvāhiśa tō dila mēṁ, jīvana dukha kī ōra baḍha़ rahā thā
kaī ummīdōṁ kā dila mēṁ bhāra lēkara, jīvana mēṁ baḍha़ rahā thā।
hara sām̐sa ummīdōṁ sē thī bharī, sām̐sē ummīdōṁ kī lē rahā thā
pratikūla pavana kī laharēṁ uṭhī, dila vyākulatā sē bhara diyā।
na jānē kyā huā, kyōṁ huā thā mana usamēṁ taṁga thā
thī hālata dila kī burī nā rō sakatā thā, nā ham̐sa sakatā thā
thā jīvana mēṁ mērē itanā ḍūbā, nā jāga sakatā thā, nā sō sakatā thā।
ḍhūm̐ḍha़ūm̐ prabhu tujhē kina galiyōṁ mēṁ, nā maiṁ galiyōṁ kā māhira thā
thā ujālē mēṁ phiratā, phira bhī am̐dhērē mēṁ phira rahā thā।
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