Hymn No. 9272
किस्मत तो है प्रभु ने रचाई तेरे ही कर्मों ने है उसे बनाई
kismata tō hai prabhu nē racāī tērē hī karmōṁ nē hai usē banāī
1900-01-01
1900-01-01
1900-01-01
https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=18759
किस्मत तो है प्रभु ने रचाई तेरे ही कर्मों ने है उसे बनाई
किस्मत तो है प्रभु ने रचाई तेरे ही कर्मों ने है उसे बनाई,
तकदीर की लकीरें गहरी कैसे ऐसी बनाई, तुझसे ना है मिटे मिटाई।
तकदीर ने खेल खेला ऐसा कैसे लेने लगी है जीवन अंगड़ाई
मिटाये ना मिट सकी कर्मों की रेखा, रेखा ऐसी कैसे बनाई?
दुःख दर्द की तस्वीर रही उभरती दिल में तस्वीर ऐसी कैसे बनाई?
ना आगे ना पीछे चल सके राह तकदीर ने ऐसी कैसे बनाई?
सुख की ओर था बढ़ना, दुःख की ओर जीवन को क्यों खींच लाई?
यह चाल तो है सब कर्मों की, कर्मों पर पकड़ रखना मेरे भाई।
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
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किस्मत तो है प्रभु ने रचाई तेरे ही कर्मों ने है उसे बनाई,
तकदीर की लकीरें गहरी कैसे ऐसी बनाई, तुझसे ना है मिटे मिटाई।
तकदीर ने खेल खेला ऐसा कैसे लेने लगी है जीवन अंगड़ाई
मिटाये ना मिट सकी कर्मों की रेखा, रेखा ऐसी कैसे बनाई?
दुःख दर्द की तस्वीर रही उभरती दिल में तस्वीर ऐसी कैसे बनाई?
ना आगे ना पीछे चल सके राह तकदीर ने ऐसी कैसे बनाई?
सुख की ओर था बढ़ना, दुःख की ओर जीवन को क्यों खींच लाई?
यह चाल तो है सब कर्मों की, कर्मों पर पकड़ रखना मेरे भाई।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
kismata tō hai prabhu nē racāī tērē hī karmōṁ nē hai usē banāī,
takadīra kī lakīrēṁ gaharī kaisē aisī banāī, tujhasē nā hai miṭē miṭāī।
takadīra nē khēla khēlā aisā kaisē lēnē lagī hai jīvana aṁgaḍa़āī
miṭāyē nā miṭa sakī karmōṁ kī rēkhā, rēkhā aisī kaisē banāī?
duḥkha darda kī tasvīra rahī ubharatī dila mēṁ tasvīra aisī kaisē banāī?
nā āgē nā pīchē cala sakē rāha takadīra nē aisī kaisē banāī?
sukha kī ōra thā baḍha़nā, duḥkha kī ōra jīvana kō kyōṁ khīṁca lāī?
yaha cāla tō hai saba karmōṁ kī, karmōṁ para pakaḍa़ rakhanā mērē bhāī।
English Explanation |
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Sadguru Shri Devendra Ghiaji in this Hindi bhajan is exploring destiny and the relationship of deeds on destiny.
Kakaji says
Destiny is created by God, but our own deeds have made it
The lines of destiny is so dark and deep that it cannot be erased by anyone.
Destiny has played a game such that accordingly life is taking a twist.
Though trying to erase, but not able to erase the lines of destiny and how such lines are made.
The picture of sorrow and pain kept on erupting, how did such a picture got created in the heart.
Neither could move forward or neither backward how did fate create such a path.
Wanted to move towards happiness, why did life get dragged towards sorrow.
In the end, Kakaji concludes
All these tricks are played by our deeds( karma), so we have to control our actions.
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