Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 7240 | Date: 05-Feb-1998
ले लेकर जी रहा हूँ जीवन में तो जग में उम्मीदों का सहारा
Lē lēkara jī rahā hūm̐ jīvana mēṁ tō jaga mēṁ ummīdōṁ kā sahārā

પ્રેમ, ભક્તિ, શિસ્ત, શાંતિ (Love, Worship, Discipline, Peace)

Hymn No. 7240 | Date: 05-Feb-1998

ले लेकर जी रहा हूँ जीवन में तो जग में उम्मीदों का सहारा

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lē lēkara jī rahā hūm̐ jīvana mēṁ tō jaga mēṁ ummīdōṁ kā sahārā

પ્રેમ, ભક્તિ, શિસ્ત, શાંતિ (Love, Worship, Discipline, Peace)

1998-02-05 1998-02-05 https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=15229 ले लेकर जी रहा हूँ जीवन में तो जग में उम्मीदों का सहारा ले लेकर जी रहा हूँ जीवन में तो जग में उम्मीदों का सहारा

पर प्रभु तू ही तो है मेरी उम्मीदों का सहारा मेरी उम्मीदों का सहारा।

उम्मीदों बिना चले जीवन कैसे, उम्मीदें ही है जीवन का सहारा

ना उम्मीदों के उठा के भार जीना, ना जीवन तो उसे समझना।

निराशाओं की ठेस लगी है सब को जीवन में, ना कोई इससे बचा,

फिर भी उम्मीदें भर भर के दिल में, इन्सान जग में तो है जी रहा।

उम्मीद बिना ना है कोई दिल खाली, जग इसलिये चल रहा,

टूटे हुए दिल में आकर बसते हैं प्रभु, दे दे के उम्मीदों का सहारा।

उम्मीदों का ही ना बनाना जग, जग में ले लेकर उम्मीदों का सहारा,

ना रुकेगी उम्मीदें जीवन में, जब तक ना होगा प्रभु से मिलना।
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ले लेकर जी रहा हूँ जीवन में तो जग में उम्मीदों का सहारा

पर प्रभु तू ही तो है मेरी उम्मीदों का सहारा मेरी उम्मीदों का सहारा।

उम्मीदों बिना चले जीवन कैसे, उम्मीदें ही है जीवन का सहारा

ना उम्मीदों के उठा के भार जीना, ना जीवन तो उसे समझना।

निराशाओं की ठेस लगी है सब को जीवन में, ना कोई इससे बचा,

फिर भी उम्मीदें भर भर के दिल में, इन्सान जग में तो है जी रहा।

उम्मीद बिना ना है कोई दिल खाली, जग इसलिये चल रहा,

टूटे हुए दिल में आकर बसते हैं प्रभु, दे दे के उम्मीदों का सहारा।

उम्मीदों का ही ना बनाना जग, जग में ले लेकर उम्मीदों का सहारा,

ना रुकेगी उम्मीदें जीवन में, जब तक ना होगा प्रभु से मिलना।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

lē lēkara jī rahā hūm̐ jīvana mēṁ tō jaga mēṁ ummīdōṁ kā sahārā

para prabhu tū hī tō hai mērī ummīdōṁ kā sahārā mērī ummīdōṁ kā sahārā।

ummīdōṁ binā calē jīvana kaisē, ummīdēṁ hī hai jīvana kā sahārā

nā ummīdōṁ kē uṭhā kē bhāra jīnā, nā jīvana tō usē samajhanā।

nirāśāōṁ kī ṭhēsa lagī hai saba kō jīvana mēṁ, nā kōī isasē bacā,

phira bhī ummīdēṁ bhara bhara kē dila mēṁ, insāna jaga mēṁ tō hai jī rahā।

ummīda binā nā hai kōī dila khālī, jaga isaliyē cala rahā,

ṭūṭē huē dila mēṁ ākara basatē haiṁ prabhu, dē dē kē ummīdōṁ kā sahārā।

ummīdōṁ kā hī nā banānā jaga, jaga mēṁ lē lēkara ummīdōṁ kā sahārā,

nā rukēgī ummīdēṁ jīvana mēṁ, jaba taka nā hōgā prabhu sē milanā।
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Hindi Bhajan no. 7240 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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