Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6900 | Date: 28-Jul-1997
कर्म हमारे रहम के काबिल नही है, या खुदा
Karma hamārē rahama kē kābila nahī hai, yā khudā

પ્રાર્થના, ધ્યાન, અરજી, વિનંતી (Prayer, Meditation, Request)



Hymn No. 6900 | Date: 28-Jul-1997

कर्म हमारे रहम के काबिल नही है, या खुदा

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karma hamārē rahama kē kābila nahī hai, yā khudā

પ્રાર્થના, ધ્યાન, અરજી, વિનંતી (Prayer, Meditation, Request)

1997-07-28 1997-07-28 https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=16887 कर्म हमारे रहम के काबिल नही है, या खुदा कर्म हमारे रहम के काबिल नही है, या खुदा,

फिर भी मैं तेरी रहमत चाहता हूँ, यकीन करना ना कुछ और चाहता हूँ।

दीवाना हूँ दीवाना हूँ, तेरी प्यार भरी नज़रों का दीवाना हूँ,

तेरे प्यार भरी नज़रों की मैं इनायत चाहता हूँ।

करूँ मैं याद तुझे, या ना करूँ, हर वक्त तू मुझे याद रखता है।

मेरा यकीन ना बदलना चाहता हूँ, तेरी प्यार भरी नज़र चाहता हूँ।

हर नशे में झूम उठता हूँ मैं, पिलाता रहे तू, तेरी प्यार भरी निगाहों से

ना कोई और चाहत है, तेरी प्यार भरी, बस निगाह चाहता हूँ

बसा के तुझे अपने दिल में, तुझ से ना दूर रहना चाहता हूँ।
https://www.youtube.com/watch?v=mCD6WnCu_7E
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कर्म हमारे रहम के काबिल नही है, या खुदा,

फिर भी मैं तेरी रहमत चाहता हूँ, यकीन करना ना कुछ और चाहता हूँ।

दीवाना हूँ दीवाना हूँ, तेरी प्यार भरी नज़रों का दीवाना हूँ,

तेरे प्यार भरी नज़रों की मैं इनायत चाहता हूँ।

करूँ मैं याद तुझे, या ना करूँ, हर वक्त तू मुझे याद रखता है।

मेरा यकीन ना बदलना चाहता हूँ, तेरी प्यार भरी नज़र चाहता हूँ।

हर नशे में झूम उठता हूँ मैं, पिलाता रहे तू, तेरी प्यार भरी निगाहों से

ना कोई और चाहत है, तेरी प्यार भरी, बस निगाह चाहता हूँ

बसा के तुझे अपने दिल में, तुझ से ना दूर रहना चाहता हूँ।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

karma hamārē rahama kē kābila nahī hai, yā khudā,

phira bhī maiṁ tērī rahamata cāhatā hūm̐, yakīna karanā nā kucha aura cāhatā hūm̐।

dīvānā hūm̐ dīvānā hūm̐, tērī pyāra bharī naja़rōṁ kā dīvānā hūm̐,

tērē pyāra bharī naja़rōṁ kī maiṁ ināyata cāhatā hūm̐।

karūm̐ maiṁ yāda tujhē, yā nā karūm̐, hara vakta tū mujhē yāda rakhatā hai।

mērā yakīna nā badalanā cāhatā hūm̐, tērī pyāra bharī naja़ra cāhatā hūm̐।

hara naśē mēṁ jhūma uṭhatā hūm̐ maiṁ, pilātā rahē tū, tērī pyāra bharī nigāhōṁ sē

nā kōī aura cāhata hai, tērī pyāra bharī, basa nigāha cāhatā hūm̐

basā kē tujhē apanē dila mēṁ, tujha sē nā dūra rahanā cāhatā hūm̐।
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Hindi Bhajan no. 6900 by Satguru Devendra Ghia - Kaka

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