1998-08-07
1998-08-07
1998-08-07
https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=17506
करूँ मैं शिकायत जा के पास किस के, थी दिल की हालत सब की मेरी जैसी
करूँ मैं शिकायत जा के पास किस के, थी दिल की हालत सब की मेरी जैसी,
ना था किसी के मन में तो चैन भरा, थी सबकी दुनिया दिल की गमों में डूबी।
सबके दिल में सुर एक उठता रहा, दिल का पपीहा तो यही बोलता था,
ढूँढ़ता रहा जीवन में सब में जिसे, वह तो तू ही तो है, वह तू ही तो है।
बदलती नही जग में जीवन की हवा, मिला ना सके उसके साथ कदम,
जीवन सब चीजों से भरपूर है, कमी को महसूस करना, वही कमी है।
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
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करूँ मैं शिकायत जा के पास किस के, थी दिल की हालत सब की मेरी जैसी,
ना था किसी के मन में तो चैन भरा, थी सबकी दुनिया दिल की गमों में डूबी।
सबके दिल में सुर एक उठता रहा, दिल का पपीहा तो यही बोलता था,
ढूँढ़ता रहा जीवन में सब में जिसे, वह तो तू ही तो है, वह तू ही तो है।
बदलती नही जग में जीवन की हवा, मिला ना सके उसके साथ कदम,
जीवन सब चीजों से भरपूर है, कमी को महसूस करना, वही कमी है।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
karūm̐ maiṁ śikāyata jā kē pāsa kisa kē, thī dila kī hālata saba kī mērī jaisī,
nā thā kisī kē mana mēṁ tō caina bharā, thī sabakī duniyā dila kī gamōṁ mēṁ ḍūbī।
sabakē dila mēṁ sura ēka uṭhatā rahā, dila kā papīhā tō yahī bōlatā thā,
ḍhūm̐ḍha़tā rahā jīvana mēṁ saba mēṁ jisē, vaha tō tū hī tō hai, vaha tū hī tō hai।
badalatī nahī jaga mēṁ jīvana kī havā, milā nā sakē usakē sātha kadama,
jīvana saba cījōṁ sē bharapūra hai, kamī kō mahasūsa karanā, vahī kamī hai।
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