Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 2738 | Date: 02-Sep-1990
है समझदारी मुझ में तो कच्ची रे प्रभु, उन्हें अब पूरी तो कर दीजिए
Hai samajhadārī mujha mēṁ tō kaccī rē prabhu, unhēṁ aba pūrī tō kara dījiē

પ્રાર્થના, ધ્યાન, અરજી, વિનંતી (Prayer, Meditation, Request)



Hymn No. 2738 | Date: 02-Sep-1990

है समझदारी मुझ में तो कच्ची रे प्रभु, उन्हें अब पूरी तो कर दीजिए

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hai samajhadārī mujha mēṁ tō kaccī rē prabhu, unhēṁ aba pūrī tō kara dījiē

પ્રાર્થના, ધ્યાન, અરજી, વિનંતી (Prayer, Meditation, Request)

1990-09-02 1990-09-02 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=13727 है समझदारी मुझ में तो कच्ची रे प्रभु, उन्हें अब पूरी तो कर दीजिए है समझदारी मुझ में तो कच्ची रे प्रभु, उन्हें अब पूरी तो कर दीजिए

इन्सान बनाकर भेजा है जग में, इन्सान पूरा तो अब बना दीजिए

डूबा हुआ हूँ अहंकार में तो प्रभु, अहंकार मेरा अब हटा दीजिए

मोहपटल चढ़े हुए हैं आँखों पर, अब ह़टा तो उन्हें दीजिए

रहा हूँ तुझसे दूर रे प्रभु, अब मुझे नजदीक तो लीजिए

कर करुणा अब मुझ पर तो प्रभु, करुणासागर बिरद संभालिए

रक्षण में हूँ सदा तेरी रे प्रभु, रक्षण सदा मेरी तो कर लीजिए

डरूँ तो सदा पापों से रे प्रभु, अन्य डर मेरे दिल से हटा दीजिए

प्रयत्नशील रहूँ सदा तेरे दर्शन का प्रभु, सफलता मुझे दीजिए
https://www.youtube.com/watch?v=w_cgrDodj6g
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है समझदारी मुझ में तो कच्ची रे प्रभु, उन्हें अब पूरी तो कर दीजिए

इन्सान बनाकर भेजा है जग में, इन्सान पूरा तो अब बना दीजिए

डूबा हुआ हूँ अहंकार में तो प्रभु, अहंकार मेरा अब हटा दीजिए

मोहपटल चढ़े हुए हैं आँखों पर, अब ह़टा तो उन्हें दीजिए

रहा हूँ तुझसे दूर रे प्रभु, अब मुझे नजदीक तो लीजिए

कर करुणा अब मुझ पर तो प्रभु, करुणासागर बिरद संभालिए

रक्षण में हूँ सदा तेरी रे प्रभु, रक्षण सदा मेरी तो कर लीजिए

डरूँ तो सदा पापों से रे प्रभु, अन्य डर मेरे दिल से हटा दीजिए

प्रयत्नशील रहूँ सदा तेरे दर्शन का प्रभु, सफलता मुझे दीजिए




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

hai samajhadārī mujha mēṁ tō kaccī rē prabhu, unhēṁ aba pūrī tō kara dījiē

insāna banākara bhējā hai jaga mēṁ, insāna pūrā tō aba banā dījiē

ḍūbā huā hūm̐ ahaṁkāra mēṁ tō prabhu, ahaṁkāra mērā aba haṭā dījiē

mōhapaṭala caḍha़ē huē haiṁ ām̐khōṁ para, aba ha़ṭā tō unhēṁ dījiē

rahā hūm̐ tujhasē dūra rē prabhu, aba mujhē najadīka tō lījiē

kara karuṇā aba mujha para tō prabhu, karuṇāsāgara birada saṁbhāliē

rakṣaṇa mēṁ hūm̐ sadā tērī rē prabhu, rakṣaṇa sadā mērī tō kara lījiē

ḍarūm̐ tō sadā pāpōṁ sē rē prabhu, anya ḍara mērē dila sē haṭā dījiē

prayatnaśīla rahūm̐ sadā tērē darśana kā prabhu, saphalatā mujhē dījiē
English Explanation: Increase Font Decrease Font


My understanding is weak Oh God, please complete it.

You have sent me as a human being in this world, now make me a complete human.

I am submerged in ego, now remove this ego of mine.

My eyes are covered with the band of attachments, now please remove them.

I have remained away from you Oh God, now bring me closer to you.

Shower your compassion on me Oh God, oh ocean of kindness, please take care of me.

I am always in your protection Oh God, always protect me.

I should always fear doing wrong deeds my lord, remove the other fears from my heart.

I should always keep on doing efforts to get a glimpse of you Oh God, give me success in it.
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Hindi Bhajan no. 2738 by Satguru Devendra Ghia - Kaka

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