1997-01-04
1997-01-04
1997-01-04
https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=16527
मिल रहा है नशा जो तेरी नज़रों में, वह नशा शराब में कहाँ
मिल रहा है नशा जो तेरी नज़रों में, वह नशा शराब में कहाँ,
मिलती है मिठास जो तेरी जुबां में, वह मिठास शक्कर में कहाँ।
मिले ना जो दर्शन तेरा ख्वाबों में, तो वह ख्वाब ख्वाब क्या,
जो विचार जीवन बदल ना सके, वह विचार तो विचार क्या।
जो अग्नि तो जला ना सके, वह अग्नि तो अग्नि क्या,
जो मुलाकात यादगार ना बन सकी, वह मुलाकात, मुलाकात क्या।
जो सफर मंजिल पर ना पहुँचाये, वह सफर तो सफर क्या,
जिस हास्य में से रुदन की रेखा फूटे, जीवन में वह हास्य तो हास्य क्या।
जो कार्य जीवन में परिणाम ना ला सके, वह कार्य तो कार्य क्या,
जिस दिन में शुभ काम किये ना हो, वह दिन तो दिन क्या।
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
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मिल रहा है नशा जो तेरी नज़रों में, वह नशा शराब में कहाँ,
मिलती है मिठास जो तेरी जुबां में, वह मिठास शक्कर में कहाँ।
मिले ना जो दर्शन तेरा ख्वाबों में, तो वह ख्वाब ख्वाब क्या,
जो विचार जीवन बदल ना सके, वह विचार तो विचार क्या।
जो अग्नि तो जला ना सके, वह अग्नि तो अग्नि क्या,
जो मुलाकात यादगार ना बन सकी, वह मुलाकात, मुलाकात क्या।
जो सफर मंजिल पर ना पहुँचाये, वह सफर तो सफर क्या,
जिस हास्य में से रुदन की रेखा फूटे, जीवन में वह हास्य तो हास्य क्या।
जो कार्य जीवन में परिणाम ना ला सके, वह कार्य तो कार्य क्या,
जिस दिन में शुभ काम किये ना हो, वह दिन तो दिन क्या।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
mila rahā hai naśā jō tērī naja़rōṁ mēṁ, vaha naśā śarāba mēṁ kahām̐,
milatī hai miṭhāsa jō tērī jubāṁ mēṁ, vaha miṭhāsa śakkara mēṁ kahām̐।
milē nā jō darśana tērā khvābōṁ mēṁ, tō vaha khvāba khvāba kyā,
jō vicāra jīvana badala nā sakē, vaha vicāra tō vicāra kyā।
jō agni tō jalā nā sakē, vaha agni tō agni kyā,
jō mulākāta yādagāra nā bana sakī, vaha mulākāta, mulākāta kyā।
jō saphara maṁjila para nā pahum̐cāyē, vaha saphara tō saphara kyā,
jisa hāsya mēṁ sē rudana kī rēkhā phūṭē, jīvana mēṁ vaha hāsya tō hāsya kyā।
jō kārya jīvana mēṁ pariṇāma nā lā sakē, vaha kārya tō kārya kyā,
jisa dina mēṁ śubha kāma kiyē nā hō, vaha dina tō dina kyā।
English Explanation |
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In this Bhajan Shri. Devendra Ghijaji is making us aware of real happiness, drunkenness, fire and how to understand the actual meaning of them in our life,
I am getting drunkenness through your eyes, that drunkenness is not even in alcohol.
We get the sweetness ( pleasure, happiness )from your speech, that sweetness is not even in sugar.
If I can't see you in my dreams, then that dream is not a dream.
The thought (knowledge) which cannot change your life, then that thought is not a thought.
The fire which cannot burn anything, then that fire is not a fire.
If the meeting is not memorable, then that meeting is not a meeting.
The journey which cannot reach a destination, then that journey is not a journey.
From eternal happiness, if the tears don't role, then that happiness is not happiness.
The action which cannot give a result, then that action is not an action.
If any good deed not done on that day, then that day is not a day.
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