Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6823 | Date: 12-Jun-1997
है आज तो जोर जिसका, रहेगा कल तो किसका, वह तो किस को पता
Hai āja tō jōra jisakā, rahēgā kala tō kisakā, vaha tō kisa kō patā

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

Hymn No. 6823 | Date: 12-Jun-1997

है आज तो जोर जिसका, रहेगा कल तो किसका, वह तो किस को पता

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hai āja tō jōra jisakā, rahēgā kala tō kisakā, vaha tō kisa kō patā

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

1997-06-12 1997-06-12 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=16810 है आज तो जोर जिसका, रहेगा कल तो किसका, वह तो किस को पता है आज तो जोर जिसका, रहेगा कल तो किसका, वह तो किस को पता

ना चलता है जोर किसी एक का, रहता है, वह तो बदलता।

आज है जो यहाँ, रहेगा कल वह कहाँ, वह कौन कह सकेगा,

रुके हैं पैर आज जहाँ, रुकेगा पैर कल कहाँ, ना कोई कह सकेगा।

करना ना बात कल की, जीना है तो जब आज में, वही याद रखना

कहाँ किस की किस्मत खींच ले जायेगी, ना खुद को पता चलेगा।

दर्द हो जो पुराना, घाव ना उसका खोलना, यह बात याद रखना,

दीवानों की दुनिया में, प्रवेश है, जब मिलता, मुशकिल होता है निभाना।

किस्मत का जोर भी रहता है बदलता, यह तो ध्यान में रखना

आज का खाया आज चलेगा, कल की तैयारी तो फिर से करना पड़ेगा।
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है आज तो जोर जिसका, रहेगा कल तो किसका, वह तो किस को पता

ना चलता है जोर किसी एक का, रहता है, वह तो बदलता।

आज है जो यहाँ, रहेगा कल वह कहाँ, वह कौन कह सकेगा,

रुके हैं पैर आज जहाँ, रुकेगा पैर कल कहाँ, ना कोई कह सकेगा।

करना ना बात कल की, जीना है तो जब आज में, वही याद रखना

कहाँ किस की किस्मत खींच ले जायेगी, ना खुद को पता चलेगा।

दर्द हो जो पुराना, घाव ना उसका खोलना, यह बात याद रखना,

दीवानों की दुनिया में, प्रवेश है, जब मिलता, मुशकिल होता है निभाना।

किस्मत का जोर भी रहता है बदलता, यह तो ध्यान में रखना

आज का खाया आज चलेगा, कल की तैयारी तो फिर से करना पड़ेगा।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

hai āja tō jōra jisakā, rahēgā kala tō kisakā, vaha tō kisa kō patā

nā calatā hai jōra kisī ēka kā, rahatā hai, vaha tō badalatā।

āja hai jō yahām̐, rahēgā kala vaha kahām̐, vaha kauna kaha sakēgā,

rukē haiṁ paira āja jahām̐, rukēgā paira kala kahām̐, nā kōī kaha sakēgā।

karanā nā bāta kala kī, jīnā hai tō jaba āja mēṁ, vahī yāda rakhanā

kahām̐ kisa kī kismata khīṁca lē jāyēgī, nā khuda kō patā calēgā।

darda hō jō purānā, ghāva nā usakā khōlanā, yaha bāta yāda rakhanā,

dīvānōṁ kī duniyā mēṁ, pravēśa hai, jaba milatā, muśakila hōtā hai nibhānā।

kismata kā jōra bhī rahatā hai badalatā, yaha tō dhyāna mēṁ rakhanā

āja kā khāyā āja calēgā, kala kī taiyārī tō phira sē karanā paḍa़ēgā।
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Hindi Bhajan no. 6823 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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