Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6940 | Date: 14-Aug-1997
चले जा रहे हैं, बिना सोचे जग में, चले जा रहे हैं
Calē jā rahē haiṁ, binā sōcē jaga mēṁ, calē jā rahē haiṁ

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

Hymn No. 6940 | Date: 14-Aug-1997

चले जा रहे हैं, बिना सोचे जग में, चले जा रहे हैं

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calē jā rahē haiṁ, binā sōcē jaga mēṁ, calē jā rahē haiṁ

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

1997-08-14 1997-08-14 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=16927 चले जा रहे हैं, बिना सोचे जग में, चले जा रहे हैं चले जा रहे हैं, बिना सोचे जग में, चले जा रहे हैं

चले जा रहे हैं, जग के पीछे-पीछे, चले जा रहे हैं।

मुसीबतों के ढंग लिये जा रहे हैं, बढ़ाये जा रहे हैं

पहुँचना कहाँ है, बिना सोचे चले जा रहे हैं।

जीवन में नये नये मोड़ पर, हम घबराये जा रहे हैं।

आगे भी तू, पीछे भी तू, तुझे ही साथ में लिये जा रहे हैं।

ना हमें है पता, हम कहाँ जा रहे हैं, चले जा रहे हैं,

सपनो में भी रहे हैं चलते, जागते भी हम चले जा रहे हैं।

तुझे ढूँढ़ते-ढूँढ़ते, जीवन में तो हम, चले जा रहे हैं,

कभी सब मान भूल के, कभी मान में हम, चले जा रहे हैं।
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चले जा रहे हैं, बिना सोचे जग में, चले जा रहे हैं

चले जा रहे हैं, जग के पीछे-पीछे, चले जा रहे हैं।

मुसीबतों के ढंग लिये जा रहे हैं, बढ़ाये जा रहे हैं

पहुँचना कहाँ है, बिना सोचे चले जा रहे हैं।

जीवन में नये नये मोड़ पर, हम घबराये जा रहे हैं।

आगे भी तू, पीछे भी तू, तुझे ही साथ में लिये जा रहे हैं।

ना हमें है पता, हम कहाँ जा रहे हैं, चले जा रहे हैं,

सपनो में भी रहे हैं चलते, जागते भी हम चले जा रहे हैं।

तुझे ढूँढ़ते-ढूँढ़ते, जीवन में तो हम, चले जा रहे हैं,

कभी सब मान भूल के, कभी मान में हम, चले जा रहे हैं।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
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calē jā rahē haiṁ, binā sōcē jaga mēṁ, calē jā rahē haiṁ

calē jā rahē haiṁ, jaga kē pīchē-pīchē, calē jā rahē haiṁ।

musībatōṁ kē ḍhaṁga liyē jā rahē haiṁ, baḍha़āyē jā rahē haiṁ

pahum̐canā kahām̐ hai, binā sōcē calē jā rahē haiṁ।

jīvana mēṁ nayē nayē mōḍa़ para, hama ghabarāyē jā rahē haiṁ।

āgē bhī tū, pīchē bhī tū, tujhē hī sātha mēṁ liyē jā rahē haiṁ।

nā hamēṁ hai patā, hama kahām̐ jā rahē haiṁ, calē jā rahē haiṁ,

sapanō mēṁ bhī rahē haiṁ calatē, jāgatē bhī hama calē jā rahē haiṁ।

tujhē ḍhūm̐ḍha़tē-ḍhūm̐ḍha़tē, jīvana mēṁ tō hama, calē jā rahē haiṁ,

kabhī saba māna bhūla kē, kabhī māna mēṁ hama, calē jā rahē haiṁ।
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Hindi Bhajan no. 6940 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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