Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 7809 | Date: 18-Jan-1999
दुःखों की क्यारी में यदि तू सुख का फूल खिलाना चाहता है
Duḥkhōṁ kī kyārī mēṁ yadi tū sukha kā phūla khilānā cāhatā hai

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

Hymn No. 7809 | Date: 18-Jan-1999

दुःखों की क्यारी में यदि तू सुख का फूल खिलाना चाहता है

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duḥkhōṁ kī kyārī mēṁ yadi tū sukha kā phūla khilānā cāhatā hai

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

1999-01-18 1999-01-18 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=17796 दुःखों की क्यारी में यदि तू सुख का फूल खिलाना चाहता है दुःखों की क्यारी में यदि तू सुख का फूल खिलाना चाहता है,

तुझे अच्छा बागवान बनना होगा, अच्छा बागवान बनना होगा।

यदि तुझे अच्छा जीवन बिताना है, सद्गुणों के पुष्प खिलाना होगा

अच्छे पुष्प खिलाने के लिये, निकम्मे खोड़ों को निकालना होगा।

सद्विचारों को बढ़ावा देकर, कुविचारों को जीवन से हटाना होगा,

तेज तूफानों में, खोड़ों को ध्यान से तुझे सँभालना होगा।

इस धरती में, वन भी खिले, खेती भी खिले, तुझे फुलवारी खिलानी होगी,

बनानी है जब तेरी वाड़ी सुंदर, तेरा दिल तुझे सुंदर बनाना होगा।
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दुःखों की क्यारी में यदि तू सुख का फूल खिलाना चाहता है,

तुझे अच्छा बागवान बनना होगा, अच्छा बागवान बनना होगा।

यदि तुझे अच्छा जीवन बिताना है, सद्गुणों के पुष्प खिलाना होगा

अच्छे पुष्प खिलाने के लिये, निकम्मे खोड़ों को निकालना होगा।

सद्विचारों को बढ़ावा देकर, कुविचारों को जीवन से हटाना होगा,

तेज तूफानों में, खोड़ों को ध्यान से तुझे सँभालना होगा।

इस धरती में, वन भी खिले, खेती भी खिले, तुझे फुलवारी खिलानी होगी,

बनानी है जब तेरी वाड़ी सुंदर, तेरा दिल तुझे सुंदर बनाना होगा।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
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duḥkhōṁ kī kyārī mēṁ yadi tū sukha kā phūla khilānā cāhatā hai,

tujhē acchā bāgavāna bananā hōgā, acchā bāgavāna bananā hōgā।

yadi tujhē acchā jīvana bitānā hai, sadguṇōṁ kē puṣpa khilānā hōgā

acchē puṣpa khilānē kē liyē, nikammē khōḍa़ōṁ kō nikālanā hōgā।

sadvicārōṁ kō baḍha़āvā dēkara, kuvicārōṁ kō jīvana sē haṭānā hōgā,

tēja tūphānōṁ mēṁ, khōḍa़ōṁ kō dhyāna sē tujhē sam̐bhālanā hōgā।

isa dharatī mēṁ, vana bhī khilē, khētī bhī khilē, tujhē phulavārī khilānī hōgī,

banānī hai jaba tērī vāḍa़ī suṁdara, tērā dila tujhē suṁdara banānā hōgā।
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Hindi Bhajan no. 7809 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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