Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 9166
जब तक जोशे जाम भरे है तन बदन में, जीवन को सारी खुशियों से भर दूँ
Jaba taka jōśē jāma bharē hai tana badana mēṁ, jīvana kō sārī khuśiyōṁ sē bhara dūm̐
Hymn No. 9166

जब तक जोशे जाम भरे है तन बदन में, जीवन को सारी खुशियों से भर दूँ

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jaba taka jōśē jāma bharē hai tana badana mēṁ, jīvana kō sārī khuśiyōṁ sē bhara dūm̐

1900-01-01 1900-01-01 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=18653 जब तक जोशे जाम भरे है तन बदन में, जीवन को सारी खुशियों से भर दूँ जब तक जोशे जाम भरे है तन बदन में, जीवन को सारी खुशियों से भर दूँ

जब तक जोशे जाम भरे है दिल में, जिंदादिली के चिरागों को ना बुझने दूँ।

जब तक जोशे जाम भरे है मन में, मन की सारी मुरादों को पूरा मैं कर दूँ

क्या पता कल का, आज इसी वक्त जो करना है पहले वह तो कर लूँ।

जब तक जोशे जाम भरे है नयनों में, निगाहे चार तो मैं कर लूँ।

मोहब्बत की वादियों में करना है बसेरा, वहाँ अपना मकान मैं बना लूँ।

जब तक जोशे जाम भरे है श्वासोमें, ऐ ज़िंदगी तुझको तुझसे तो चुरा लूँ।

आकर मदहोशी के आगोश में, अपने आपको मदहोश मैं कर दूँ।

जब तक जोशे जाम भरे है जीवन के, ऐ खुदा तेरी बंदगी मैं कर लूँ।

पाकर तुझे ऐ खुदा, अपना काम तमाम मैं कर दूँ जब तक ...
https://www.youtube.com/watch?v=mN3a--5W5f8
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जब तक जोशे जाम भरे है तन बदन में, जीवन को सारी खुशियों से भर दूँ

जब तक जोशे जाम भरे है दिल में, जिंदादिली के चिरागों को ना बुझने दूँ।

जब तक जोशे जाम भरे है मन में, मन की सारी मुरादों को पूरा मैं कर दूँ

क्या पता कल का, आज इसी वक्त जो करना है पहले वह तो कर लूँ।

जब तक जोशे जाम भरे है नयनों में, निगाहे चार तो मैं कर लूँ।

मोहब्बत की वादियों में करना है बसेरा, वहाँ अपना मकान मैं बना लूँ।

जब तक जोशे जाम भरे है श्वासोमें, ऐ ज़िंदगी तुझको तुझसे तो चुरा लूँ।

आकर मदहोशी के आगोश में, अपने आपको मदहोश मैं कर दूँ।

जब तक जोशे जाम भरे है जीवन के, ऐ खुदा तेरी बंदगी मैं कर लूँ।

पाकर तुझे ऐ खुदा, अपना काम तमाम मैं कर दूँ जब तक ...




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

jaba taka jōśē jāma bharē hai tana badana mēṁ, jīvana kō sārī khuśiyōṁ sē bhara dūm̐

jaba taka jōśē jāma bharē hai dila mēṁ, jiṁdādilī kē cirāgōṁ kō nā bujhanē dūm̐।

jaba taka jōśē jāma bharē hai mana mēṁ, mana kī sārī murādōṁ kō pūrā maiṁ kara dūm̐

kyā patā kala kā, āja isī vakta jō karanā hai pahalē vaha tō kara lūm̐।

jaba taka jōśē jāma bharē hai nayanōṁ mēṁ, nigāhē cāra tō maiṁ kara lūm̐।

mōhabbata kī vādiyōṁ mēṁ karanā hai basērā, vahām̐ apanā makāna maiṁ banā lūm̐।

jaba taka jōśē jāma bharē hai śvāsōmēṁ, ai ja़iṁdagī tujhakō tujhasē tō curā lūm̐।

ākara madahōśī kē āgōśa mēṁ, apanē āpakō madahōśa maiṁ kara dūm̐।

jaba taka jōśē jāma bharē hai jīvana kē, ai khudā tērī baṁdagī maiṁ kara lūm̐।

pākara tujhē ai khudā, apanā kāma tamāma maiṁ kara dūm̐ jaba taka ...
English Explanation: Increase Font Decrease Font


Till there is fervour and zeal in the body, let me fill life with all the happiness.

Till there is passion and fervour in the heart, let not the embers of elation get extinguished.

Till there is enthusiasm and fervour in the mind, let me fulfil all the desires of the mind.

Who knows what will happen tomorrow, right now what has to be done, first let me do that.

Till there is passion and fervour in the eyes, let me see focus on that one.

Want to reside in the lanes of love, let me make my house over there.

Till there is fervour and passion in the breath, Oh Life, let me steal you from you.

In the embrace of intoxication, let me make myself inebriated.

Till there is enthusiasm and fervour in life, Oh God, let me worship you.

By achieving you Oh God, let me fulfil this life.
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Hindi Bhajan no. 9166 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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