Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 7090 | Date: 29-Oct-1997
कह रहा है वक्त जग को तो बार-बार
Kaha rahā hai vakta jaga kō tō bāra-bāra

સમય, પશ્ચાતાપ, શંકા (Time, Regret, Doubt)

Hymn No. 7090 | Date: 29-Oct-1997

कह रहा है वक्त जग को तो बार-बार

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kaha rahā hai vakta jaga kō tō bāra-bāra

સમય, પશ્ચાતાપ, શંકા (Time, Regret, Doubt)

1997-10-29 1997-10-29 https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=15079 कह रहा है वक्त जग को तो बार-बार कह रहा है वक्त जग को तो बार-बार

तुझे रुकना है तो रुकना, मैं तो नही रुकूँगा।

है ना फुरसत मुझे रुकने की, ना है फुरसत करने की बात,

यदि करनी है बात तुझे मुझसे, बढ़ाना कदम मेरे साथ।

है दृष्टि मेरी आगे-आगे, दृष्टि पीछे ना करुँगा,

चलना आगे-आगे तो मेरा काम है, ना आराम मैं लूँगा।

कर रहा हूँ काम जो सौंपा गया है, मुझे वह मैं ना भूलूँगा।

कोई क्या कर रहा है या नही वह मैं तो ना देखूँगा

जग में आगे चलते रहना तो काम मेरा, ना मैं पीछे हटूँगा,

चलना तो चलना मेरे साथ, पीछे रहना भारी पड़ जायेगा।
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कह रहा है वक्त जग को तो बार-बार

तुझे रुकना है तो रुकना, मैं तो नही रुकूँगा।

है ना फुरसत मुझे रुकने की, ना है फुरसत करने की बात,

यदि करनी है बात तुझे मुझसे, बढ़ाना कदम मेरे साथ।

है दृष्टि मेरी आगे-आगे, दृष्टि पीछे ना करुँगा,

चलना आगे-आगे तो मेरा काम है, ना आराम मैं लूँगा।

कर रहा हूँ काम जो सौंपा गया है, मुझे वह मैं ना भूलूँगा।

कोई क्या कर रहा है या नही वह मैं तो ना देखूँगा

जग में आगे चलते रहना तो काम मेरा, ना मैं पीछे हटूँगा,

चलना तो चलना मेरे साथ, पीछे रहना भारी पड़ जायेगा।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

kaha rahā hai vakta jaga kō tō bāra-bāra

tujhē rukanā hai tō rukanā, maiṁ tō nahī rukūm̐gā।

hai nā phurasata mujhē rukanē kī, nā hai phurasata karanē kī bāta,

yadi karanī hai bāta tujhē mujhasē, baḍha़ānā kadama mērē sātha।

hai dr̥ṣṭi mērī āgē-āgē, dr̥ṣṭi pīchē nā karum̐gā,

calanā āgē-āgē tō mērā kāma hai, nā ārāma maiṁ lūm̐gā।

kara rahā hūm̐ kāma jō sauṁpā gayā hai, mujhē vaha maiṁ nā bhūlūm̐gā।

kōī kyā kara rahā hai yā nahī vaha maiṁ tō nā dēkhūm̐gā

jaga mēṁ āgē calatē rahanā tō kāma mērā, nā maiṁ pīchē haṭūm̐gā,

calanā tō calanā mērē sātha, pīchē rahanā bhārī paḍa़ jāyēgā।
English Explanation Increase Font Decrease Font


This Hindi Bhajan is written by Shri Devendra Ghiaji (Kakaji).

In this Bhajan Kakaji is telling the value of Time and if you act on the time you will benefit otherwise it will cost huge. Keep your vision and step always in front.

Time is telling to the world again and again.

If you want to stop you stop, I will not stop.

Neither I have the leisure to stop, nor have free time to talk.

If you want to talk to me, you need to step up with me.

My vision is in front, will not look behind.

It is my job to walk forward, will not take rest.

I am doing the job which is assigned to me, I will not forget.

What anyone is doing or not I will not see.

It is my job to keep moving forward in the world, I will not step back.

Walk then walk with me, staying behind will cost you huge.
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Hindi Bhajan no. 7090 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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