1997-01-17
1997-01-17
1997-01-17
https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=16550
कल तक जो बात ना थी, वह बात तो आज हो गई
कल तक जो बात ना थी, वह बात तो आज हो गई,
तीर तो ऐसा छूटा, निशान दिल को वह बना गई।
कर दिया उस तीर ने हालत तो ऐसी, बात उसमें बन गई,
घायल तो बना दिया, दवा घायल बनाने वाले के पास रह गई।
यह क्या कुछ कम था, हर अदाओं से वाह वाह कर गई,
हर अदा का नशा चढ़ा ऐसा, नशे में मुझे डुबो गई।
जो साँस कल तक मंद थी, वह आज तेज गति में चल रही,
वह वक्त की पुकार थी, आज वह दिल की आवाज बन गई।
नज़र में वह नज़र बस गई, वह नज़र मुझे बेबस बना गई,
आज वह बात तो बन गई, नये रुप में नयी कहानी बन गई।
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
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कल तक जो बात ना थी, वह बात तो आज हो गई,
तीर तो ऐसा छूटा, निशान दिल को वह बना गई।
कर दिया उस तीर ने हालत तो ऐसी, बात उसमें बन गई,
घायल तो बना दिया, दवा घायल बनाने वाले के पास रह गई।
यह क्या कुछ कम था, हर अदाओं से वाह वाह कर गई,
हर अदा का नशा चढ़ा ऐसा, नशे में मुझे डुबो गई।
जो साँस कल तक मंद थी, वह आज तेज गति में चल रही,
वह वक्त की पुकार थी, आज वह दिल की आवाज बन गई।
नज़र में वह नज़र बस गई, वह नज़र मुझे बेबस बना गई,
आज वह बात तो बन गई, नये रुप में नयी कहानी बन गई।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
kala taka jō bāta nā thī, vaha bāta tō āja hō gaī,
tīra tō aisā chūṭā, niśāna dila kō vaha banā gaī।
kara diyā usa tīra nē hālata tō aisī, bāta usamēṁ bana gaī,
ghāyala tō banā diyā, davā ghāyala banānē vālē kē pāsa raha gaī।
yaha kyā kucha kama thā, hara adāōṁ sē vāha vāha kara gaī,
hara adā kā naśā caḍha़ā aisā, naśē mēṁ mujhē ḍubō gaī।
jō sām̐sa kala taka maṁda thī, vaha āja tēja gati mēṁ cala rahī,
vaha vakta kī pukāra thī, āja vaha dila kī āvāja bana gaī।
naja़ra mēṁ vaha naja़ra basa gaī, vaha naja़ra mujhē bēbasa banā gaī,
āja vaha bāta tō bana gaī, nayē rupa mēṁ nayī kahānī bana gaī।
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