Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6596 | Date: 30-Jan-1997
तेरी इबादत, तेरी इबादत ही प्रभु, वही तो है हमारी ही दौलत
Tērī ibādata, tērī ibādata hī prabhu, vahī tō hai hamārī hī daulata

પ્રેમ, ભક્તિ, શિસ્ત, શાંતિ (Love, Worship, Discipline, Peace)

Hymn No. 6596 | Date: 30-Jan-1997

तेरी इबादत, तेरी इबादत ही प्रभु, वही तो है हमारी ही दौलत

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tērī ibādata, tērī ibādata hī prabhu, vahī tō hai hamārī hī daulata

પ્રેમ, ભક્તિ, શિસ્ત, શાંતિ (Love, Worship, Discipline, Peace)

1997-01-30 1997-01-30 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=16583 तेरी इबादत, तेरी इबादत ही प्रभु, वही तो है हमारी ही दौलत तेरी इबादत, तेरी इबादत ही प्रभु, वही तो है हमारी ही दौलत,

रखेंगे जीवन में ना हम कोई कमी, देंगे ना मौका करने के लिये शिकायत।

रचेंगे जीवन में तो हम, हमारे प्रेम की इबारत, हमारे प्रेम की ही इबारत,

है हमारे जीवन का तो एक ही मकसद, तुम्हारा प्रेम, तुम्हारी ही मोहब्बत।

चले जायेंगे हम, उसी राह पर तो तेरी, करना प्रेम भरी नज़रों की इनायत,

जब बन गया है तू हमारा, हम बन गये हैं तेरे, करे क्यों हम तो शिकायत।

रोकेगी ना राह हमें, राह है जो तेरी, रुकवा ना सकेगी, राह कोई रिश्वत,

तेरा दिया हुआ है, तुझे ही तो अर्पण, यह तो है तेरी इबादत ही इबादत।
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तेरी इबादत, तेरी इबादत ही प्रभु, वही तो है हमारी ही दौलत,

रखेंगे जीवन में ना हम कोई कमी, देंगे ना मौका करने के लिये शिकायत।

रचेंगे जीवन में तो हम, हमारे प्रेम की इबारत, हमारे प्रेम की ही इबारत,

है हमारे जीवन का तो एक ही मकसद, तुम्हारा प्रेम, तुम्हारी ही मोहब्बत।

चले जायेंगे हम, उसी राह पर तो तेरी, करना प्रेम भरी नज़रों की इनायत,

जब बन गया है तू हमारा, हम बन गये हैं तेरे, करे क्यों हम तो शिकायत।

रोकेगी ना राह हमें, राह है जो तेरी, रुकवा ना सकेगी, राह कोई रिश्वत,

तेरा दिया हुआ है, तुझे ही तो अर्पण, यह तो है तेरी इबादत ही इबादत।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

tērī ibādata, tērī ibādata hī prabhu, vahī tō hai hamārī hī daulata,

rakhēṁgē jīvana mēṁ nā hama kōī kamī, dēṁgē nā maukā karanē kē liyē śikāyata।

racēṁgē jīvana mēṁ tō hama, hamārē prēma kī ibārata, hamārē prēma kī hī ibārata,

hai hamārē jīvana kā tō ēka hī makasada, tumhārā prēma, tumhārī hī mōhabbata।

calē jāyēṁgē hama, usī rāha para tō tērī, karanā prēma bharī naja़rōṁ kī ināyata,

jaba bana gayā hai tū hamārā, hama bana gayē haiṁ tērē, karē kyōṁ hama tō śikāyata।

rōkēgī nā rāha hamēṁ, rāha hai jō tērī, rukavā nā sakēgī, rāha kōī riśvata,

tērā diyā huā hai, tujhē hī tō arpaṇa, yaha tō hai tērī ibādata hī ibādata।
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Hindi Bhajan no. 6596 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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