Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6718 | Date: 13-Apr-1997
बता दो, अब तो बता दो, हम तो है आपके, आप तो है किस के?
Batā dō, aba tō batā dō, hama tō hai āpakē, āpa tō hai kisa kē?

મન, દિલ, ભાવ, વિચાર, યાદ (Mind, Heart, Feelings, Thoughts, Remembrance)



Hymn No. 6718 | Date: 13-Apr-1997

बता दो, अब तो बता दो, हम तो है आपके, आप तो है किस के?

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batā dō, aba tō batā dō, hama tō hai āpakē, āpa tō hai kisa kē?

મન, દિલ, ભાવ, વિચાર, યાદ (Mind, Heart, Feelings, Thoughts, Remembrance)

1997-04-13 1997-04-13 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=16705 बता दो, अब तो बता दो, हम तो है आपके, आप तो है किस के? बता दो, अब तो बता दो, हम तो है आपके, आप तो है किस के?

घूमते रहे है हम तो इस संसार में, संसार तो है आपका।

हर दम तो जपते रहे हैं, नाम तो आपका, आप जप रहे हैं, नाम तो किस का?

कहाँ भी चले इस खलक में, वहाँ तो आप ही आप हैं

हमें पहुँचने में देर तो लगती है, आपको लगी देर तो किस बात की?

ना जानते हैं हम तो कुछ, आप जानते है सब कुछ, आप चुप क्यों हो?

हमें कमी लग रही है, कोई न कोई बात की, आपको किस बात की कमी है?

मुस्कुरा देते हैं हम किसी बात पर, आप किस बात पे मुस्कुरा देते हैं?

नयनों का ना दोष है, ना दोष है दृश्य का, फिर दोष है किस बात का?

अगर आप हमें मिल जायें, यह खुलासा मिल जाये, देर है अब किस बात की।
https://www.youtube.com/watch?v=UVi07ObLD_E
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बता दो, अब तो बता दो, हम तो है आपके, आप तो है किस के?

घूमते रहे है हम तो इस संसार में, संसार तो है आपका।

हर दम तो जपते रहे हैं, नाम तो आपका, आप जप रहे हैं, नाम तो किस का?

कहाँ भी चले इस खलक में, वहाँ तो आप ही आप हैं

हमें पहुँचने में देर तो लगती है, आपको लगी देर तो किस बात की?

ना जानते हैं हम तो कुछ, आप जानते है सब कुछ, आप चुप क्यों हो?

हमें कमी लग रही है, कोई न कोई बात की, आपको किस बात की कमी है?

मुस्कुरा देते हैं हम किसी बात पर, आप किस बात पे मुस्कुरा देते हैं?

नयनों का ना दोष है, ना दोष है दृश्य का, फिर दोष है किस बात का?

अगर आप हमें मिल जायें, यह खुलासा मिल जाये, देर है अब किस बात की।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

batā dō, aba tō batā dō, hama tō hai āpakē, āpa tō hai kisa kē?

ghūmatē rahē hai hama tō isa saṁsāra mēṁ, saṁsāra tō hai āpakā।

hara dama tō japatē rahē haiṁ, nāma tō āpakā, āpa japa rahē haiṁ, nāma tō kisa kā?

kahām̐ bhī calē isa khalaka mēṁ, vahām̐ tō āpa hī āpa haiṁ

hamēṁ pahum̐canē mēṁ dēra tō lagatī hai, āpakō lagī dēra tō kisa bāta kī?

nā jānatē haiṁ hama tō kucha, āpa jānatē hai saba kucha, āpa cupa kyōṁ hō?

hamēṁ kamī laga rahī hai, kōī na kōī bāta kī, āpakō kisa bāta kī kamī hai?

muskurā dētē haiṁ hama kisī bāta para, āpa kisa bāta pē muskurā dētē haiṁ?

nayanōṁ kā nā dōṣa hai, nā dōṣa hai dr̥śya kā, phira dōṣa hai kisa bāta kā?

agara āpa hamēṁ mila jāyēṁ, yaha khulāsā mila jāyē, dēra hai aba kisa bāta kī।
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Hindi Bhajan no. 6718 by Satguru Devendra Ghia - Kaka

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