Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6825 | Date: 12-Jun-1997
तडपते हुए इस दिल को, आराम चाहिये, आराम चाहिये
Taḍapatē huē isa dila kō, ārāma cāhiyē, ārāma cāhiyē

કૃપા,દયા,કરુણા (Grace, Kindness, Mercy)

Hymn No. 6825 | Date: 12-Jun-1997

तडपते हुए इस दिल को, आराम चाहिये, आराम चाहिये

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taḍapatē huē isa dila kō, ārāma cāhiyē, ārāma cāhiyē

કૃપા,દયા,કરુણા (Grace, Kindness, Mercy)

1997-06-12 1997-06-12 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=16812 तडपते हुए इस दिल को, आराम चाहिये, आराम चाहिये तडपते हुए इस दिल को, आराम चाहिये, आराम चाहिये,

प्रभु तेरी कृपा भरी एक नज़र चाहिये, एक नज़र चाहिये।

दुःख दर्द में तो पडता है तो जीना, तेरी एक नज़र का आराम चाहिये,

जीना है आन से, मरना है शान से, दिल में तो तेरा विश्वास चाहिये।

दिल में शंका, कुशंकाओं का ना प्रभाव चाहिये, ना प्रभाव चाहिये

बढ़ना है जब जीवन में, तेरी कृपा भरी नज़र का आधार चाहिये।

जीवन में तकदीर का जब करना है सामना, तेरी प्यार भरी नज़र चाहिये,

दूर करनी है जब दिल की उलझनें, दिल में तो तेरा स्मरण चाहिये।

जीवन में बढ़ना है जब सफलता की ओर, दिल में नित्य तेरा साथ चाहिये

पहुँचना है जब तेरे चरणों में, दिल में तो तेरी लगन चाहिये।
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तडपते हुए इस दिल को, आराम चाहिये, आराम चाहिये,

प्रभु तेरी कृपा भरी एक नज़र चाहिये, एक नज़र चाहिये।

दुःख दर्द में तो पडता है तो जीना, तेरी एक नज़र का आराम चाहिये,

जीना है आन से, मरना है शान से, दिल में तो तेरा विश्वास चाहिये।

दिल में शंका, कुशंकाओं का ना प्रभाव चाहिये, ना प्रभाव चाहिये

बढ़ना है जब जीवन में, तेरी कृपा भरी नज़र का आधार चाहिये।

जीवन में तकदीर का जब करना है सामना, तेरी प्यार भरी नज़र चाहिये,

दूर करनी है जब दिल की उलझनें, दिल में तो तेरा स्मरण चाहिये।

जीवन में बढ़ना है जब सफलता की ओर, दिल में नित्य तेरा साथ चाहिये

पहुँचना है जब तेरे चरणों में, दिल में तो तेरी लगन चाहिये।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

taḍapatē huē isa dila kō, ārāma cāhiyē, ārāma cāhiyē,

prabhu tērī kr̥pā bharī ēka naja़ra cāhiyē, ēka naja़ra cāhiyē।

duḥkha darda mēṁ tō paḍatā hai tō jīnā, tērī ēka naja़ra kā ārāma cāhiyē,

jīnā hai āna sē, maranā hai śāna sē, dila mēṁ tō tērā viśvāsa cāhiyē।

dila mēṁ śaṁkā, kuśaṁkāōṁ kā nā prabhāva cāhiyē, nā prabhāva cāhiyē

baḍha़nā hai jaba jīvana mēṁ, tērī kr̥pā bharī naja़ra kā ādhāra cāhiyē।

jīvana mēṁ takadīra kā jaba karanā hai sāmanā, tērī pyāra bharī naja़ra cāhiyē,

dūra karanī hai jaba dila kī ulajhanēṁ, dila mēṁ tō tērā smaraṇa cāhiyē।

jīvana mēṁ baḍha़nā hai jaba saphalatā kī ōra, dila mēṁ nitya tērā sātha cāhiyē

pahum̐canā hai jaba tērē caraṇōṁ mēṁ, dila mēṁ tō tērī lagana cāhiyē।
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Hindi Bhajan no. 6825 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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