Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 9222
ना जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने नया अंदाज देखा न जाने क्यों?
Nā jānē kyōṁ āpakī naja़rōṁ mēṁ maiṁnē nayā aṁdāja dēkhā na jānē kyōṁ?
Hymn No. 9222

ना जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने नया अंदाज देखा न जाने क्यों?

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nā jānē kyōṁ āpakī naja़rōṁ mēṁ maiṁnē nayā aṁdāja dēkhā na jānē kyōṁ?

1900-01-01 1900-01-01 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=18709 ना जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने नया अंदाज देखा न जाने क्यों? ना जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने नया अंदाज देखा न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में नशीले नशे का अंदाज देखा न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में, दिल का आराम देखा न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में, मेरे दिल की उम्मीदों का किनारा देखा न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने मेरे दिल की दौलत देखी, न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने मेरे दिल की आवाज सुनी न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने दिल की दवा देखी न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने अपनी मंजिले बहार देखी?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने प्यार का इज़हार देखा?

न जाने क्यों नजाने क्यों ये सब मैंने आपकी ही आँखों में देखा?
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ना जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने नया अंदाज देखा न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में नशीले नशे का अंदाज देखा न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में, दिल का आराम देखा न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में, मेरे दिल की उम्मीदों का किनारा देखा न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने मेरे दिल की दौलत देखी, न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने मेरे दिल की आवाज सुनी न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने दिल की दवा देखी न जाने क्यों?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने अपनी मंजिले बहार देखी?

न जाने क्यों आपकी नज़रों में मैंने प्यार का इज़हार देखा?

न जाने क्यों नजाने क्यों ये सब मैंने आपकी ही आँखों में देखा?




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
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nā jānē kyōṁ āpakī naja़rōṁ mēṁ maiṁnē nayā aṁdāja dēkhā na jānē kyōṁ?

na jānē kyōṁ āpakī naja़rōṁ mēṁ naśīlē naśē kā aṁdāja dēkhā na jānē kyōṁ?

na jānē kyōṁ āpakī naja़rōṁ mēṁ, dila kā ārāma dēkhā na jānē kyōṁ?

na jānē kyōṁ āpakī naja़rōṁ mēṁ, mērē dila kī ummīdōṁ kā kinārā dēkhā na jānē kyōṁ?

na jānē kyōṁ āpakī naja़rōṁ mēṁ maiṁnē mērē dila kī daulata dēkhī, na jānē kyōṁ?

na jānē kyōṁ āpakī naja़rōṁ mēṁ maiṁnē mērē dila kī āvāja sunī na jānē kyōṁ?

na jānē kyōṁ āpakī naja़rōṁ mēṁ maiṁnē dila kī davā dēkhī na jānē kyōṁ?

na jānē kyōṁ āpakī naja़rōṁ mēṁ maiṁnē apanī maṁjilē bahāra dēkhī?

na jānē kyōṁ āpakī naja़rōṁ mēṁ maiṁnē pyāra kā ija़hāra dēkhā?

na jānē kyōṁ najānē kyōṁ yē saba maiṁnē āpakī hī ām̐khōṁ mēṁ dēkhā?
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Hindi Bhajan no. 9222 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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