1994-04-22
1994-04-22
1994-04-22
https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=721
चला जा रहा है, चला जा रहा है, चला जा रहा है
चला जा रहा है, चला जा रहा है, चला जा रहा है,
जीवन का यह कारवाँ, जग में उल्टा चला जा रहा है।
निकला था करने सौदा पूरा, छोड़ के अधूरा वापस जा रहा है।
निकला था जहाँ से, रखकर सौदा अधूरा, वहाँ वापस जा रहा है।
करने आया था भार खाली, भार भरके, चला जा रहा है।
करनी खाली थी जिम्मेदारी खुद की, छोड़ के अधूरी, चला जा रहा है।
रहकर गुमनाम जग में, गया भूल खुद की वह जिम्मेदारी, अंजाना-सा चला जा रहा है।
लौटना है समय पर, पहुँचना है समय पर, समय व्यर्थ गवाँ रहा है।
भार ना कर सका वह खाली, बढ़ाता और बढ़ाता जा रहा है।
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
|
View Original |
|
चला जा रहा है, चला जा रहा है, चला जा रहा है,
जीवन का यह कारवाँ, जग में उल्टा चला जा रहा है।
निकला था करने सौदा पूरा, छोड़ के अधूरा वापस जा रहा है।
निकला था जहाँ से, रखकर सौदा अधूरा, वहाँ वापस जा रहा है।
करने आया था भार खाली, भार भरके, चला जा रहा है।
करनी खाली थी जिम्मेदारी खुद की, छोड़ के अधूरी, चला जा रहा है।
रहकर गुमनाम जग में, गया भूल खुद की वह जिम्मेदारी, अंजाना-सा चला जा रहा है।
लौटना है समय पर, पहुँचना है समय पर, समय व्यर्थ गवाँ रहा है।
भार ना कर सका वह खाली, बढ़ाता और बढ़ाता जा रहा है।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
calā jā rahā hai, calā jā rahā hai, calā jā rahā hai,
jīvana kā yaha kāravām̐, jaga mēṁ ulṭā calā jā rahā hai।
nikalā thā karanē saudā pūrā, chōḍa़ kē adhūrā vāpasa jā rahā hai।
nikalā thā jahām̐ sē, rakhakara saudā adhūrā, vahām̐ vāpasa jā rahā hai।
karanē āyā thā bhāra khālī, bhāra bharakē, calā jā rahā hai।
karanī khālī thī jimmēdārī khuda kī, chōḍa़ kē adhūrī, calā jā rahā hai।
rahakara gumanāma jaga mēṁ, gayā bhūla khuda kī vaha jimmēdārī, aṁjānā-sā calā jā rahā hai।
lauṭanā hai samaya para, pahum̐canā hai samaya para, samaya vyartha gavām̐ rahā hai।
bhāra nā kara sakā vaha khālī, baḍha़ātā aura baḍha़ātā jā rahā hai।
English Explanation: |
|
It’s passing by, it’s passing by, it’s passing by,
The caravan of life is passing by in the opposite direction in the world.
It had come to complete its transaction, leaving it incomplete, it is going back.
Leaving the transaction incomplete, it is going back from where it had come.
It had come to relieve its load, instead it has filled up more load and is passing by.
It had come to fulfil its responsibilities, instead leaving it incomplete, it is passing by.
It remained unknown in the world, it forgot its own responsibilities, it is passing by incognito.
It has to reach in time, it has to return back in time, yet it is wasting away time.
It could not empty its load, instead the load is increasing and increasing away.
|