Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6768 | Date: 10-May-1997
यह बयाँ ने इकरार है, ओ रहमतगर हमारे कर्मों पर रहम करना।
Yaha bayām̐ nē ikarāra hai, ō rahamatagara hamārē karmōṁ para rahama karanā।

પ્રાર્થના, ધ્યાન, અરજી, વિનંતી (Prayer, Meditation, Request)

Hymn No. 6768 | Date: 10-May-1997

यह बयाँ ने इकरार है, ओ रहमतगर हमारे कर्मों पर रहम करना।

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yaha bayām̐ nē ikarāra hai, ō rahamatagara hamārē karmōṁ para rahama karanā।

પ્રાર્થના, ધ્યાન, અરજી, વિનંતી (Prayer, Meditation, Request)

1997-05-10 1997-05-10 https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=16755 यह बयाँ ने इकरार है, ओ रहमतगर हमारे कर्मों पर रहम करना। यह बयाँ ने इकरार है, ओ रहमतगर हमारे कर्मों पर रहम करना।

हमारे जीवन के साथ, खेल-खेले किस्मत ने, तू तो हम पर रहम करना।

ना अँधेरा, ना उजाला, मेरे दिल में छाया है अँधेरा, तू रोशनी देना।

हूँ कमजोर, बुजदिल मैं, मेरे दिल को रहमतगर, मजबूत रखना।

मुस्कुराने की मंजिल दूर रही है मुझ से, मुझे मेरी मंजिल से दूर ना रखना।

ना और कोई है माँग मेरी, मेरे दिल में तेरी ही शक्ति भरना।

हर हाल में मैं खुश रहूँ तेरे पथ पर चलता रहूँ इतना तो करना।

उम्मीदें ना मैं बढ़ाते रहूँ, दिल में भरी हुई उम्मीदों को सफल करना।

कभी दुःख के आगे ना झुपूँ तेरी यादों सें ना मैं पीछे हटूँ, इतना तो करना।

सुख में रहूँ या दुःख में रहूँ, हर हालत में तेरी यादों में मस्त रहूँ यह तो करना।
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यह बयाँ ने इकरार है, ओ रहमतगर हमारे कर्मों पर रहम करना।

हमारे जीवन के साथ, खेल-खेले किस्मत ने, तू तो हम पर रहम करना।

ना अँधेरा, ना उजाला, मेरे दिल में छाया है अँधेरा, तू रोशनी देना।

हूँ कमजोर, बुजदिल मैं, मेरे दिल को रहमतगर, मजबूत रखना।

मुस्कुराने की मंजिल दूर रही है मुझ से, मुझे मेरी मंजिल से दूर ना रखना।

ना और कोई है माँग मेरी, मेरे दिल में तेरी ही शक्ति भरना।

हर हाल में मैं खुश रहूँ तेरे पथ पर चलता रहूँ इतना तो करना।

उम्मीदें ना मैं बढ़ाते रहूँ, दिल में भरी हुई उम्मीदों को सफल करना।

कभी दुःख के आगे ना झुपूँ तेरी यादों सें ना मैं पीछे हटूँ, इतना तो करना।

सुख में रहूँ या दुःख में रहूँ, हर हालत में तेरी यादों में मस्त रहूँ यह तो करना।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

yaha bayām̐ nē ikarāra hai, ō rahamatagara hamārē karmōṁ para rahama karanā।

hamārē jīvana kē sātha, khēla-khēlē kismata nē, tū tō hama para rahama karanā।

nā am̐dhērā, nā ujālā, mērē dila mēṁ chāyā hai am̐dhērā, tū rōśanī dēnā।

hūm̐ kamajōra, bujadila maiṁ, mērē dila kō rahamatagara, majabūta rakhanā।

muskurānē kī maṁjila dūra rahī hai mujha sē, mujhē mērī maṁjila sē dūra nā rakhanā।

nā aura kōī hai mām̐ga mērī, mērē dila mēṁ tērī hī śakti bharanā।

hara hāla mēṁ maiṁ khuśa rahūm̐ tērē patha para calatā rahūm̐ itanā tō karanā।

ummīdēṁ nā maiṁ baḍha़ātē rahūm̐, dila mēṁ bharī huī ummīdōṁ kō saphala karanā।

kabhī duḥkha kē āgē nā jhupūm̐ tērī yādōṁ sēṁ nā maiṁ pīchē haṭūm̐, itanā tō karanā।

sukha mēṁ rahūm̐ yā duḥkha mēṁ rahūm̐, hara hālata mēṁ tērī yādōṁ mēṁ masta rahūm̐ yaha tō karanā।
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Hindi Bhajan no. 6768 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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