Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6098 | Date: 04-Jan-1996
क्यों और क्यों नही, लगी है क्यू (लल)
Kyōṁ aura kyōṁ nahī, lagī hai kyū (lala)

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

Hymn No. 6098 | Date: 04-Jan-1996

क्यों और क्यों नही, लगी है क्यू (लल)

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kyōṁ aura kyōṁ nahī, lagī hai kyū (lala)

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

1996-01-04 1996-01-04 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=12087 क्यों और क्यों नही, लगी है क्यू (लल) क्यों और क्यों नही, लगी है क्यू (लल),

इस बात की मेरे मन में, क्यों और क्यों नही।

उठता है हर पल जीवन में निकली नही एक पल, लगी ना हो क्यू (लल),

इस बातकी मेरे मन में, क्यों और क्यों नही।

किये और किये जा रहा हूँ, रुका नही हूँ मैं जीवन में,

रुकी नही है क्यू (लल) मन में, क्यों और क्यों नही।

सफलता, निष्फलता मिलती रही है जीवन में,

उठती है क्यू (लल) मन में, क्यों और क्यों नही।

उठता है प्यार दिल में किसी के लिये,

उठती नफरत किसी के लिए, क्यों और क्यों नही।

जब चलती है क्यू (लल), आगे ही आगे,

लगता है पीछे वालों को लगा नही नंबर क्यों, और क्यों नही।

लगी है क्यू (लल) विचारों की, इच्छाओं की, मेरे मन में,

मेरे दिल में हरदम, क्यों और क्यों नही।

जब क्यू (लल) छोडकर भागते है, विवाद इच्छा,

बेकाबू बन जाती है क्यू, क्यों और क्यों नही।

जाना ही है जब प्रभु के द्वार, बेकाबू बनकर जाना,

जाना क्यों और क्यों नही।

जाओगे अगर बेकाबू बनकर, आ जाओगे अपने आप काबू में,

नही चलेगी क्यू (लल) तब, क्यों और क्यों नही।
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क्यों और क्यों नही, लगी है क्यू (लल),

इस बात की मेरे मन में, क्यों और क्यों नही।

उठता है हर पल जीवन में निकली नही एक पल, लगी ना हो क्यू (लल),

इस बातकी मेरे मन में, क्यों और क्यों नही।

किये और किये जा रहा हूँ, रुका नही हूँ मैं जीवन में,

रुकी नही है क्यू (लल) मन में, क्यों और क्यों नही।

सफलता, निष्फलता मिलती रही है जीवन में,

उठती है क्यू (लल) मन में, क्यों और क्यों नही।

उठता है प्यार दिल में किसी के लिये,

उठती नफरत किसी के लिए, क्यों और क्यों नही।

जब चलती है क्यू (लल), आगे ही आगे,

लगता है पीछे वालों को लगा नही नंबर क्यों, और क्यों नही।

लगी है क्यू (लल) विचारों की, इच्छाओं की, मेरे मन में,

मेरे दिल में हरदम, क्यों और क्यों नही।

जब क्यू (लल) छोडकर भागते है, विवाद इच्छा,

बेकाबू बन जाती है क्यू, क्यों और क्यों नही।

जाना ही है जब प्रभु के द्वार, बेकाबू बनकर जाना,

जाना क्यों और क्यों नही।

जाओगे अगर बेकाबू बनकर, आ जाओगे अपने आप काबू में,

नही चलेगी क्यू (लल) तब, क्यों और क्यों नही।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

kyōṁ aura kyōṁ nahī, lagī hai kyū (lala),

isa bāta kī mērē mana mēṁ, kyōṁ aura kyōṁ nahī।

uṭhatā hai hara pala jīvana mēṁ nikalī nahī ēka pala, lagī nā hō kyū (lala),

isa bātakī mērē mana mēṁ, kyōṁ aura kyōṁ nahī।

kiyē aura kiyē jā rahā hūm̐, rukā nahī hūm̐ maiṁ jīvana mēṁ,

rukī nahī hai kyū (lala) mana mēṁ, kyōṁ aura kyōṁ nahī।

saphalatā, niṣphalatā milatī rahī hai jīvana mēṁ,

uṭhatī hai kyū (lala) mana mēṁ, kyōṁ aura kyōṁ nahī।

uṭhatā hai pyāra dila mēṁ kisī kē liyē,

uṭhatī napharata kisī kē liē, kyōṁ aura kyōṁ nahī।

jaba calatī hai kyū (lala), āgē hī āgē,

lagatā hai pīchē vālōṁ kō lagā nahī naṁbara kyōṁ, aura kyōṁ nahī।

lagī hai kyū (lala) vicārōṁ kī, icchāōṁ kī, mērē mana mēṁ,

mērē dila mēṁ haradama, kyōṁ aura kyōṁ nahī।

jaba kyū (lala) chōḍakara bhāgatē hai, vivāda icchā,

bēkābū bana jātī hai kyū, kyōṁ aura kyōṁ nahī।

jānā hī hai jaba prabhu kē dvāra, bēkābū banakara jānā,

jānā kyōṁ aura kyōṁ nahī।

jāōgē agara bēkābū banakara, ā jāōgē apanē āpa kābū mēṁ,

nahī calēgī kyū (lala) taba, kyōṁ aura kyōṁ nahī।
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Hindi Bhajan no. 6098 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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