Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6115 | Date: 14-Jan-1996
ना रुके जो रोकने से, ना टूटे जो तोड़ने से, बहने लगे जब ऐसी धारा दिल में
Nā rukē jō rōkanē sē, nā ṭūṭē jō tōḍa़nē sē, bahanē lagē jaba aisī dhārā dila mēṁ

પ્રેમ, ભક્તિ, શિસ્ત, શાંતિ (Love, Worship, Discipline, Peace)



Hymn No. 6115 | Date: 14-Jan-1996

ना रुके जो रोकने से, ना टूटे जो तोड़ने से, बहने लगे जब ऐसी धारा दिल में

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nā rukē jō rōkanē sē, nā ṭūṭē jō tōḍa़nē sē, bahanē lagē jaba aisī dhārā dila mēṁ

પ્રેમ, ભક્તિ, શિસ્ત, શાંતિ (Love, Worship, Discipline, Peace)

1996-01-14 1996-01-14 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=12104 ना रुके जो रोकने से, ना टूटे जो तोड़ने से, बहने लगे जब ऐसी धारा दिल में ना रुके जो रोकने से, ना टूटे जो तोड़ने से, बहने लगे जब ऐसी धारा दिल में,

जान ले, समझ ले, ऐसी प्रेम की धारा, यही तो है सच्चा प्यार।

प्यार की धारा रुकती नही, प्यार तो बढ़ता जाये, लेने देने से वह कम होता नही

ना कभी वह कुछ माँगती है, ना लेने देने के साथ संबंध रखती है।

निकले सुर अलगता का प्यार में, नही है वह प्यार का कसूर,

है वह तो दृष्टि का कसूर, वह तो नही है सच्चा प्यार।

मोल ना सकोगे सच्चे प्यार को कभी जीवन में

गलती ना करना जीवन में, प्यार को मोलने की, मोल गया जो, वह नही है सच्चा प्यार।

प्यार को मोलने गया बिना प्यार से, वह जानता नही, प्यार क्या है,

मानव मानवकी दृष्टि में रहेंगे मानव, अभी, तभी और कभी।

तब प्यारमें सौदा हो ही जाएगा, प्रभु नही आयेंगे दृष्टि में

प्रभु प्यार से पाये जायेंगे, प्रभु प्यार में बिक जायेंगे, प्रभु प्यार में बँध जायेंगे।
https://www.youtube.com/watch?v=iv3SvmyaehE
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ना रुके जो रोकने से, ना टूटे जो तोड़ने से, बहने लगे जब ऐसी धारा दिल में,

जान ले, समझ ले, ऐसी प्रेम की धारा, यही तो है सच्चा प्यार।

प्यार की धारा रुकती नही, प्यार तो बढ़ता जाये, लेने देने से वह कम होता नही

ना कभी वह कुछ माँगती है, ना लेने देने के साथ संबंध रखती है।

निकले सुर अलगता का प्यार में, नही है वह प्यार का कसूर,

है वह तो दृष्टि का कसूर, वह तो नही है सच्चा प्यार।

मोल ना सकोगे सच्चे प्यार को कभी जीवन में

गलती ना करना जीवन में, प्यार को मोलने की, मोल गया जो, वह नही है सच्चा प्यार।

प्यार को मोलने गया बिना प्यार से, वह जानता नही, प्यार क्या है,

मानव मानवकी दृष्टि में रहेंगे मानव, अभी, तभी और कभी।

तब प्यारमें सौदा हो ही जाएगा, प्रभु नही आयेंगे दृष्टि में

प्रभु प्यार से पाये जायेंगे, प्रभु प्यार में बिक जायेंगे, प्रभु प्यार में बँध जायेंगे।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

nā rukē jō rōkanē sē, nā ṭūṭē jō tōḍa़nē sē, bahanē lagē jaba aisī dhārā dila mēṁ,

jāna lē, samajha lē, aisī prēma kī dhārā, yahī tō hai saccā pyāra।

pyāra kī dhārā rukatī nahī, pyāra tō baḍha़tā jāyē, lēnē dēnē sē vaha kama hōtā nahī

nā kabhī vaha kucha mām̐gatī hai, nā lēnē dēnē kē sātha saṁbaṁdha rakhatī hai।

nikalē sura alagatā kā pyāra mēṁ, nahī hai vaha pyāra kā kasūra,

hai vaha tō dr̥ṣṭi kā kasūra, vaha tō nahī hai saccā pyāra।

mōla nā sakōgē saccē pyāra kō kabhī jīvana mēṁ

galatī nā karanā jīvana mēṁ, pyāra kō mōlanē kī, mōla gayā jō, vaha nahī hai saccā pyāra।

pyāra kō mōlanē gayā binā pyāra sē, vaha jānatā nahī, pyāra kyā hai,

mānava mānavakī dr̥ṣṭi mēṁ rahēṁgē mānava, abhī, tabhī aura kabhī।

taba pyāramēṁ saudā hō hī jāēgā, prabhu nahī āyēṁgē dr̥ṣṭi mēṁ

prabhu pyāra sē pāyē jāyēṁgē, prabhu pyāra mēṁ bika jāyēṁgē, prabhu pyāra mēṁ bam̐dha jāyēṁgē।
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Hindi Bhajan no. 6115 by Satguru Devendra Ghia - Kaka

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