1996-11-07
1996-11-07
1996-11-07
https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=12444
हर मंजिल के पीछे कोई और मंजिल तो होती है
हर मंजिल के पीछे कोई और मंजिल तो होती है
वही और मंजिल के पीछे, इंत़जार की तीसरी मंजिल होती है
मंजिल मंजिल पर ना तू रुकना, और मंजिल पर पहुँचना है
एक मंजिल पर पहुँचे बिना, दूसरी मंजिल ढूँढ़ना ठीक नही है
हर मंजिल पर मुकाम रखना थोड़ा, अंतिम मंजिल पर पहुँचना है
मंजिल के बाद रहे ना बाकी कोई मंजिल, वही अंतिम मंजिल होती है
मंजिल पर चलते चलते थक ना जाना, अंतिम मंजिल पर पहुँचना है
हर मंजिल को अपनी मंजिल ना समझना, वह तो धोखा देती है
जब मंजिल पर पहुँचना है तुझे, तुझे ही चलना होगा, यह निश्चित है
जब मिल जाए मंजिल तुझे तेरी, जीवन में ना उसे कुछ पाना है
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
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हर मंजिल के पीछे कोई और मंजिल तो होती है
वही और मंजिल के पीछे, इंत़जार की तीसरी मंजिल होती है
मंजिल मंजिल पर ना तू रुकना, और मंजिल पर पहुँचना है
एक मंजिल पर पहुँचे बिना, दूसरी मंजिल ढूँढ़ना ठीक नही है
हर मंजिल पर मुकाम रखना थोड़ा, अंतिम मंजिल पर पहुँचना है
मंजिल के बाद रहे ना बाकी कोई मंजिल, वही अंतिम मंजिल होती है
मंजिल पर चलते चलते थक ना जाना, अंतिम मंजिल पर पहुँचना है
हर मंजिल को अपनी मंजिल ना समझना, वह तो धोखा देती है
जब मंजिल पर पहुँचना है तुझे, तुझे ही चलना होगा, यह निश्चित है
जब मिल जाए मंजिल तुझे तेरी, जीवन में ना उसे कुछ पाना है
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
hara maṁjila kē pīchē kōī aura maṁjila tō hōtī hai
vahī aura maṁjila kē pīchē, iṁta़jāra kī tīsarī maṁjila hōtī hai
maṁjila maṁjila para nā tū rukanā, aura maṁjila para pahum̐canā hai
ēka maṁjila para pahum̐cē binā, dūsarī maṁjila ḍhūm̐ḍha़nā ṭhīka nahī hai
hara maṁjila para mukāma rakhanā thōḍa़ā, aṁtima maṁjila para pahum̐canā hai
maṁjila kē bāda rahē nā bākī kōī maṁjila, vahī aṁtima maṁjila hōtī hai
maṁjila para calatē calatē thaka nā jānā, aṁtima maṁjila para pahum̐canā hai
hara maṁjila kō apanī maṁjila nā samajhanā, vaha tō dhōkhā dētī hai
jaba maṁjila para pahum̐canā hai tujhē, tujhē hī calanā hōgā, yaha niścita hai
jaba mila jāē maṁjila tujhē tērī, jīvana mēṁ nā usē kucha pānā hai
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