1996-11-21
1996-11-21
1996-11-21
https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=12463
इंत़जार, इंत़जार, इंत़जार, जीवन में हर श्वास भरा हुआ है इंत़जार का
इंत़जार, इंत़जार, इंत़जार, जीवन में हर श्वास भरा हुआ है इंत़जार का
पिला रही है जाम तो जिंदगानी इंत़जार का, करवाकर इंत़जार।
भाग्य करवा रहा है इंत़जार, इंत़जार के बिना खाली नही है जिंदगानी
अब खुदा तू भी शामिल हो गया है इसमें, दीदार के लिये करवा रहा है इंत़जार।
हर सवाल ज़िंदगी में तो, करवा रही है सब दिल में जवाब का इंत़जार,
ज़िंदगी करती रहती है सबकी कसौटी, करवा के सबको इंत़जार।
क्या होगा, कैसे होगा, यह जानने की, है सब के दिल में इंत़जार,
हर कोई चाहता है, हर चीज की जानकारी, इस लिये, हो रही है दिल में इंत़जार।
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
|
View Original |
|
इंत़जार, इंत़जार, इंत़जार, जीवन में हर श्वास भरा हुआ है इंत़जार का
पिला रही है जाम तो जिंदगानी इंत़जार का, करवाकर इंत़जार।
भाग्य करवा रहा है इंत़जार, इंत़जार के बिना खाली नही है जिंदगानी
अब खुदा तू भी शामिल हो गया है इसमें, दीदार के लिये करवा रहा है इंत़जार।
हर सवाल ज़िंदगी में तो, करवा रही है सब दिल में जवाब का इंत़जार,
ज़िंदगी करती रहती है सबकी कसौटी, करवा के सबको इंत़जार।
क्या होगा, कैसे होगा, यह जानने की, है सब के दिल में इंत़जार,
हर कोई चाहता है, हर चीज की जानकारी, इस लिये, हो रही है दिल में इंत़जार।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
iṁta़jāra, iṁta़jāra, iṁta़jāra, jīvana mēṁ hara śvāsa bharā huā hai iṁta़jāra kā
pilā rahī hai jāma tō jiṁdagānī iṁta़jāra kā, karavākara iṁta़jāra।
bhāgya karavā rahā hai iṁta़jāra, iṁta़jāra kē binā khālī nahī hai jiṁdagānī
aba khudā tū bhī śāmila hō gayā hai isamēṁ, dīdāra kē liyē karavā rahā hai iṁta़jāra।
hara savāla ja़iṁdagī mēṁ tō, karavā rahī hai saba dila mēṁ javāba kā iṁta़jāra,
ja़iṁdagī karatī rahatī hai sabakī kasauṭī, karavā kē sabakō iṁta़jāra।
kyā hōgā, kaisē hōgā, yaha jānanē kī, hai saba kē dila mēṁ iṁta़jāra,
hara kōī cāhatā hai, hara cīja kī jānakārī, isa liyē, hō rahī hai dila mēṁ iṁta़jāra।
|