1997-09-27
1997-09-27
1997-09-27
https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=15003
ना कम ना ज्यादा, ख़बर तो है यह ताजा
ना कम ना ज्यादा, ख़बर तो है यह ताजा,
मुक्ति तो है सब तो चाहते, ना जल्दी वह कोई पाता।
आये हैं सब मुक्ति के लिये, वह बात है वह भूल जाता,
माया तो है सब को सताती, जग में ना वह छोड़ पाता।
दिल से आवाज तो है उठती, सुनी ना अनसुनी वह तो करता,
करता है कोशिश, सब जानने की, ना खुद को जान पाया।
कहाँ कहाँ को गया, कहाँ से आया, वह तो ना जान पाया,
हर दिशा में नज़र उसने फिराई, खुद के अंदर ना जा पाया।
ना किया कुछ खुद ने जीवन में, आरोप फिर भी प्रभु पर लगाया,
ना खुद का रहा, ना किसी का बना, ना वह प्रभु का बन पाया।
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
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ना कम ना ज्यादा, ख़बर तो है यह ताजा,
मुक्ति तो है सब तो चाहते, ना जल्दी वह कोई पाता।
आये हैं सब मुक्ति के लिये, वह बात है वह भूल जाता,
माया तो है सब को सताती, जग में ना वह छोड़ पाता।
दिल से आवाज तो है उठती, सुनी ना अनसुनी वह तो करता,
करता है कोशिश, सब जानने की, ना खुद को जान पाया।
कहाँ कहाँ को गया, कहाँ से आया, वह तो ना जान पाया,
हर दिशा में नज़र उसने फिराई, खुद के अंदर ना जा पाया।
ना किया कुछ खुद ने जीवन में, आरोप फिर भी प्रभु पर लगाया,
ना खुद का रहा, ना किसी का बना, ना वह प्रभु का बन पाया।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
nā kama nā jyādā, kha़bara tō hai yaha tājā,
mukti tō hai saba tō cāhatē, nā jaldī vaha kōī pātā।
āyē haiṁ saba mukti kē liyē, vaha bāta hai vaha bhūla jātā,
māyā tō hai saba kō satātī, jaga mēṁ nā vaha chōḍa़ pātā।
dila sē āvāja tō hai uṭhatī, sunī nā anasunī vaha tō karatā,
karatā hai kōśiśa, saba jānanē kī, nā khuda kō jāna pāyā।
kahām̐ kahām̐ kō gayā, kahām̐ sē āyā, vaha tō nā jāna pāyā,
hara diśā mēṁ naja़ra usanē phirāī, khuda kē aṁdara nā jā pāyā।
nā kiyā kucha khuda nē jīvana mēṁ, ārōpa phira bhī prabhu para lagāyā,
nā khuda kā rahā, nā kisī kā banā, nā vaha prabhu kā bana pāyā।
English Explanation |
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This bhajan is written by Shri Devendra Ghiaji.This bhajan highlights how a human being is trapped between illusion and wrong path.
Neither less nor more , the news is fresh.
Everyone wants liberation, but no one gets early.
Everyone has come for liberation, this only they forget.
Illusion puts everyone in trouble, no one is spared from it in this world.
From the heart the voice comes, heard or unheard he behaves in audible.
Tries to know everything, but couldn't understand himself.
Where he went from where he came but he couldn't find.
In all directions he searched, but he couldn't search himself within.
Did not do any deeds in his life , but blamed to God for everything.
Neither he was for oneself, nor for other's, even he could not come close to God.
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