Hymn No. 6835 | Date: 21-Jun-1997
जग में तो यह सब की कहानी है, ना है कोई किसी का
jaga mēṁ tō yaha saba kī kahānī hai, nā hai kōī kisī kā
મન, દિલ, ભાવ, વિચાર, યાદ
(Mind, Heart, Feelings, Thoughts, Remembrance)
1997-06-21
1997-06-21
1997-06-21
https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=16822
जग में तो यह सब की कहानी है, ना है कोई किसी का
जग में तो यह सब की कहानी है, ना है कोई किसी का,
बड़े दुःख की बात है, सब कहते हैं, मेरा ना है कोई किसी का।
कभी लगे कोई हो गया है अपना, वही दूर रहकर है खेल देखता,
सब तो कहते हैं, प्रभु है सबका, फिर वही जगमें क्यों है चिल्लाता।
जग में सब कुछ तो है होता, फिर भी ना कोई किसी का रहता,
कोई ना कोई बात पर, पड़ता है सबको रोना, ना है कोई किसी का।
जब खुद ही नहीं रहता खुद का, कोई कैसे बनेगा तो किसी का,
हर समय, हर च़ीज है नयी, नयी च़ीज के पीछे रहता है फिरता।
हर कोई बनना चाहता है, किसी का, बन नही पाता किसी का,
ना बदली है यह कहानी, कहानी है सबकी, ना है कोई किसी का।
https://www.youtube.com/watch?v=If99f_7vtbA
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
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जग में तो यह सब की कहानी है, ना है कोई किसी का,
बड़े दुःख की बात है, सब कहते हैं, मेरा ना है कोई किसी का।
कभी लगे कोई हो गया है अपना, वही दूर रहकर है खेल देखता,
सब तो कहते हैं, प्रभु है सबका, फिर वही जगमें क्यों है चिल्लाता।
जग में सब कुछ तो है होता, फिर भी ना कोई किसी का रहता,
कोई ना कोई बात पर, पड़ता है सबको रोना, ना है कोई किसी का।
जब खुद ही नहीं रहता खुद का, कोई कैसे बनेगा तो किसी का,
हर समय, हर च़ीज है नयी, नयी च़ीज के पीछे रहता है फिरता।
हर कोई बनना चाहता है, किसी का, बन नही पाता किसी का,
ना बदली है यह कहानी, कहानी है सबकी, ना है कोई किसी का।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
jaga mēṁ tō yaha saba kī kahānī hai, nā hai kōī kisī kā,
baḍa़ē duḥkha kī bāta hai, saba kahatē haiṁ, mērā nā hai kōī kisī kā।
kabhī lagē kōī hō gayā hai apanā, vahī dūra rahakara hai khēla dēkhatā,
saba tō kahatē haiṁ, prabhu hai sabakā, phira vahī jagamēṁ kyōṁ hai cillātā।
jaga mēṁ saba kucha tō hai hōtā, phira bhī nā kōī kisī kā rahatā,
kōī nā kōī bāta para, paḍa़tā hai sabakō rōnā, nā hai kōī kisī kā।
jaba khuda hī nahīṁ rahatā khuda kā, kōī kaisē banēgā tō kisī kā,
hara samaya, hara ca़īja hai nayī, nayī ca़īja kē pīchē rahatā hai phiratā।
hara kōī bananā cāhatā hai, kisī kā, bana nahī pātā kisī kā,
nā badalī hai yaha kahānī, kahānī hai sabakī, nā hai kōī kisī kā।
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