Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6969 | Date: 07-Sep-1997
जाने अनजाने किया है गुनाह प्रभु, जीवन में तो हमने
Jānē anajānē kiyā hai gunāha prabhu, jīvana mēṁ tō hamanē

મન, દિલ, ભાવ, વિચાર, યાદ (Mind, Heart, Feelings, Thoughts, Remembrance)

Hymn No. 6969 | Date: 07-Sep-1997

जाने अनजाने किया है गुनाह प्रभु, जीवन में तो हमने

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jānē anajānē kiyā hai gunāha prabhu, jīvana mēṁ tō hamanē

મન, દિલ, ભાવ, વિચાર, યાદ (Mind, Heart, Feelings, Thoughts, Remembrance)

1997-09-07 1997-09-07 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=16956 जाने अनजाने किया है गुनाह प्रभु, जीवन में तो हमने जाने अनजाने किया है गुनाह प्रभु, जीवन में तो हमने,

तू यह ना कहना प्रभु, दी है सज़ा तूने तो अनजाने।

सज़ा तो तू देता ही है, देता है वह सोच समझ के,

ना तू कम देता है, ना तू ज्यादा देता है, सोच समझ के देता है।

सबका हिसाब तो है तेरे पास पूरा, ना कम ना ज्यादा देता है,

तेरी सज़ा में भी तो जग में सब का तो मंगल होता है।

जग तू चला रहा है, चला रहा है तेरी शक्ति से, गुनाह तो गुनाह है,

गुनहगारों की बस्ती ना तू बढ़ाना चाहता है, सज़ा देना तेरे हाथ है।

यकीन हो जाये तू सज़ा देने वाला है, गुनाह कम हो जाता है,

फिर कहने की जरूरत ना रहे, जाने अनजाने गुनाह किया है हमने।
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जाने अनजाने किया है गुनाह प्रभु, जीवन में तो हमने,

तू यह ना कहना प्रभु, दी है सज़ा तूने तो अनजाने।

सज़ा तो तू देता ही है, देता है वह सोच समझ के,

ना तू कम देता है, ना तू ज्यादा देता है, सोच समझ के देता है।

सबका हिसाब तो है तेरे पास पूरा, ना कम ना ज्यादा देता है,

तेरी सज़ा में भी तो जग में सब का तो मंगल होता है।

जग तू चला रहा है, चला रहा है तेरी शक्ति से, गुनाह तो गुनाह है,

गुनहगारों की बस्ती ना तू बढ़ाना चाहता है, सज़ा देना तेरे हाथ है।

यकीन हो जाये तू सज़ा देने वाला है, गुनाह कम हो जाता है,

फिर कहने की जरूरत ना रहे, जाने अनजाने गुनाह किया है हमने।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
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jānē anajānē kiyā hai gunāha prabhu, jīvana mēṁ tō hamanē,

tū yaha nā kahanā prabhu, dī hai saja़ā tūnē tō anajānē।

saja़ā tō tū dētā hī hai, dētā hai vaha sōca samajha kē,

nā tū kama dētā hai, nā tū jyādā dētā hai, sōca samajha kē dētā hai।

sabakā hisāba tō hai tērē pāsa pūrā, nā kama nā jyādā dētā hai,

tērī saja़ā mēṁ bhī tō jaga mēṁ saba kā tō maṁgala hōtā hai।

jaga tū calā rahā hai, calā rahā hai tērī śakti sē, gunāha tō gunāha hai,

gunahagārōṁ kī bastī nā tū baḍha़ānā cāhatā hai, saja़ā dēnā tērē hātha hai।

yakīna hō jāyē tū saja़ā dēnē vālā hai, gunāha kama hō jātā hai,

phira kahanē kī jarūrata nā rahē, jānē anajānē gunāha kiyā hai hamanē।
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Hindi Bhajan no. 6969 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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