Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 9204
मेरे दिल का मुकाबला, जन्नत भी तो नहीं कर सकता
Mērē dila kā mukābalā, jannata bhī tō nahīṁ kara sakatā
Hymn No. 9204

मेरे दिल का मुकाबला, जन्नत भी तो नहीं कर सकता

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mērē dila kā mukābalā, jannata bhī tō nahīṁ kara sakatā

1900-01-01 1900-01-01 https://www.kakabhajans.org/Bhajan/default.aspx?id=18691 मेरे दिल का मुकाबला, जन्नत भी तो नहीं कर सकता मेरे दिल का मुकाबला, जन्नत भी तो नहीं कर सकता

चाहूँ तब दिल में सब कुछ ला सकता हूँ, मिटा सकता हूँ

जन्नत से भी प्यारा है दिल, मेरे प्रभु ने किया इसलिए बसेरा,

मैं जो भी हूँ मेरे दिल के कारण हूँ, ना जन्नत की कोई कमी है।

दिल मेरा रहता भरा भरा है, कमी का ना कोई स्थान है।

ना वहाँ कोई और है, वहाँ मैं पूर्ण रूप से मैं ही हूँ।

मेरा दिल मेरा जहाँ है, मेरा जहाँ मेरे दिल से जुदा नहीं है

सब वहाँ इकरार है ना कोई इन्कार है, ना बेकरार है

मेरा दिल मेरा जहाँ है, मेरी जन्नत से ना अलग हो, ना दिल से जुदा हो।
https://www.youtube.com/watch?v=3wj3Vv-7W2Y
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मेरे दिल का मुकाबला, जन्नत भी तो नहीं कर सकता

चाहूँ तब दिल में सब कुछ ला सकता हूँ, मिटा सकता हूँ

जन्नत से भी प्यारा है दिल, मेरे प्रभु ने किया इसलिए बसेरा,

मैं जो भी हूँ मेरे दिल के कारण हूँ, ना जन्नत की कोई कमी है।

दिल मेरा रहता भरा भरा है, कमी का ना कोई स्थान है।

ना वहाँ कोई और है, वहाँ मैं पूर्ण रूप से मैं ही हूँ।

मेरा दिल मेरा जहाँ है, मेरा जहाँ मेरे दिल से जुदा नहीं है

सब वहाँ इकरार है ना कोई इन्कार है, ना बेकरार है

मेरा दिल मेरा जहाँ है, मेरी जन्नत से ना अलग हो, ना दिल से जुदा हो।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

mērē dila kā mukābalā, jannata bhī tō nahīṁ kara sakatā

cāhūm̐ taba dila mēṁ saba kucha lā sakatā hūm̐, miṭā sakatā hūm̐

jannata sē bhī pyārā hai dila, mērē prabhu nē kiyā isaliē basērā,

maiṁ jō bhī hūm̐ mērē dila kē kāraṇa hūm̐, nā jannata kī kōī kamī hai।

dila mērā rahatā bharā bharā hai, kamī kā nā kōī sthāna hai।

nā vahām̐ kōī aura hai, vahām̐ maiṁ pūrṇa rūpa sē maiṁ hī hūm̐।

mērā dila mērā jahām̐ hai, mērā jahām̐ mērē dila sē judā nahīṁ hai

saba vahām̐ ikarāra hai nā kōī inkāra hai, nā bēkarāra hai

mērā dila mērā jahām̐ hai, mērī jannata sē nā alaga hō, nā dila sē judā hō।
English Explanation: Increase Font Decrease Font


Even the heavens cannot compete with my heart.

Whenever I want, I can fill my heart with everything, or can erase everything.

My heart is more lovable than the heavens, that is why God has made it his home.

Whatever I am, is due to my heart, I do not miss heaven.

My heart is always full of love, there is nothing lacking in it.

There is no one else in it, I am in my complete form in it.

My heart is my world, my world is not separate from my heart.

There is only acceptance, there is no rejection, it is not desperate.

My heart is my world, it should never become separate from my bliss, nor should it become separate from my heart.
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Hindi Bhajan no. 9204 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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